कलेक्टर को हनीट्रैप में फंसाने की साजिश
Manohar Kahaniyan|October 2023
एडिशनल कलेक्टर केतकी व्यास बेहद शातिर अधिकारी थी. उस की नजर कलेक्टर डी. एस. गढ़वी की कुरसी पर थी. इसलिए उस ने कलेक्टर को हनीट्रैप के मामले में फंसाने के लिए एक जाल बुना. उस के जाल में कलेक्टर डी. एस. गढ़वी फंस भी गए. इस के बाद जो हुआ...
अनिकेत सिंह
कलेक्टर को हनीट्रैप में फंसाने की साजिश

लेक्टर डी. एस. गढ़वी सूरत की अपनी एक महिला मित्र के साथ यौन गतिविधि करते जासूसी कैमरे में कैद हो गए. केतकी व्यास, जयेश पटेल और हरीश चावड़ा ने ये सारी फुटेज कलेक्टर औफिस के कंप्यूटर औपरेटर के द्वारा निकलवा ली. इस के बाद इन फुटेज के आधार पर जयेश पटेल ने गढ़वी को बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दे कर ब्लैकमेल करने की कोशिश की.

चूंकि यह फुटेज गढ़वी की महिला मित्र के साथ की थी. इसलिए गढ़वी ने पलट कर परिणाम भुगतने की धमकी दे दी, "तुम लोगों की जो इच्छा हो, कर लो."

इस धमकी के बाद केतकी व्यास, जयेश पटेल और हरीश चावड़ा ने डी. एस. गढ़वी को बदनाम करने की पूरी तैयारी कर ली. अब तक यह घटना काफी संवेदनशील बन चुकी थी.

इस के लिए उन्होंने 8 जीबी की 5 पेनड्राइव मंगाईं. इन्हीं पांचों पेनड्राइव में केतकी व्यास ने सूरत वाली महिला की फुटेज कौपी कराई और अलगअलग 6 चैनलों को पोस्ट कर दिया. इस के बाद यह फुटेज कुछ चैनलों पर प्रसारित हो गई. इस फुटेज के प्रसारित होते ही आईएएस लौबी में ही नहीं, सरकार में भी हड़कंप मच गया. यह कहानी है गुजरात के जिला आणंद के तत्कालीन कलेक्टर डी. एस. गढ़वी की.

गुजरात के जिला अहमदाबाद के वीरमगांव के देसाई पोल के रहने वाले वासुदेवभाई भट्ट (व्यास) की अखबारों की एजेंसी तो थी ही, साथ ही वह कर्मकांड यानी पूजापाठ भी कराते थे. उन के परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटे और 3 बेटियां थीं. उन का एक बेटा अमेरिका में रहता है तो दूसरा आणंद के पास विद्यानगर में बेटियों में एक डाकोर में रहती थी तो दूसरी अहमदाबाद में.

उन की तीसरी बेटी केतकी व्यास ने वीरमगांव के ही देसाई चंदूलाल मगनलाल आर्ट्स एंड कामर्स कालेज से बीकौम किया था. वह पढ़ने में ठीकठाक थी, इसलिए वह दुजरात पब्लिक सर्विस कमीशन (जीपीएससी) की परीक्षा देना चाहती थी.

परिवार की स्थिति सामान्य थी, इसलिए कोचिंग वगैरह करना उस के लिए संभव नहीं था. तब वह वीरमगांव में ही एक अधिकारी के पास मार्गदर्शन के लिए जाने लगी थी. उस अधिकारी के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत की बदौलत केतकी व्यास जीपीएससी की परीक्षा पास करने में सफल रही.

Denne historien er fra October 2023-utgaven av Manohar Kahaniyan.

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