मुंबई में दादर वेस्ट स्थित स्लम बस्ती की रहने वाली सबीना पैसे निकालने अपने बैंक गई थी. उस के पास एटीएम कार्ड था, लेकिन वह ब्लौक हो चुका था. वह एक मेड थी और जहां काम करती थी, उस की मालकिन ने उसे औनलाइन 20 हजार रुपए भिजवाए थे. यह पेमेंट मालकिन ने अपने खाते से नहीं, बल्कि अपने पति के अकाउंट से कराया था.
उस के मोबाइल पर इस का मैसेज तो नहीं आया था, फिर भी वह आश्वस्त थी कि उस के अकाउंट में पैसे अवश्य आ गए होंगे. कारण ऐसा पहले भी कई बार हो चुका था, लेकिन उस के खाते में पैसे आ गए थे और अकसर अपने एटीएम कार्ड से ही पैसे निकालती रही थी.
पैसे निकालने के लिए सबीना बैंक गई और पैसे निकालने का फार्म भरवा कर कैशियर के पास पहुंची तो कैशियर ने बताया कि तुम्हारा अकाउंट बंद है, पहले इसे ऐक्टिव करा लो. उस के बाद में पैसे निकल पाएंगे.
कैशियर की बात सुन कर सबीना दूसरे काउंटर पर पहुंच कर विदड्रा की परची आगे बढ़ाते हुए बोली, "मैडमजी, कैशियर बोल रहे हैं कि मेरा अकांउट बंद है!"
"इधर दो, चैक करती हूं. तुम्हारा अकाउंट है?" उस काउंटर पर बैठी बैंक कर्मचारी बोली.
सबीना ने पैसा निकालने की परची मैडम की ओर बढ़ा दी. बैंक कर्मचारी परची ले कर कंप्यूटर पर चैक करने लगी. कुछ समय बाद बोली, "तुम्हें केवाईसी करवानी होगी. अकाउंट बंद है. जाओ रिसैप्शन के पास इस का फार्म ले लो." कहते हुए उस कर्मचारी ने परची सबीना को वापस कर दी.
"मैडमजी, पैसा कैसे निकलेगा?" सबीना उदासी के साथ बोली.
"केवाईसी के बाद. फार्म के साथ आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटोकापी लगाना. अपनी फोटो भी चिपका देना. फार्म जमा करने के बाद ही तुम्हारा अकाउंट एक्टिवेट होगा."
"लेकिन मैडम, पैसा? मुझे पैसे की सख्त जरूरत है!" सबीना फिर बोली.
"तुम्हारा पैसा कहीं नहीं गया. अकाउंट एक्टिवेट होते ही 2 दिन में ट्रांजैक्शन शुरू हो जाएगा. अभी कहीं से उधार ले कर काम चला लो." कर्मचारी उसे समझाते हुई बोली.
उस के कहे अनुसार सबीना ने अगले रोज केवाईसी का फार्म भर कर बैंक में जमा कर दिया. उस के बाद उसे 2 दिन बाद पासबुक ले कर आने को कहा.
Denne historien er fra December 2023-utgaven av Manohar Kahaniyan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December 2023-utgaven av Manohar Kahaniyan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
तांत्रिक के बहकावे में दी बेटी की बलि
मामला मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र का है. यहां बेलदा गांव में रहने वाला गोपाल कश्यप और उस की बीवी ममता पर अपनी एक माह की बेटी की बलि देने का आरोप है. पुलिस के अनुसार दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
दूसरे धर्म के प्रेमी ने की हत्या
सलीम नाम के युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर 19 साल की अपनी प्रेग्नेंट प्रेमिका की हत्या कर शव दफना दिया. को खुलासा तब हुआ, जब 26 अक्तूबर किशोरी का शव बरामद किया गया.
बीवी की हत्या से खुला दोस्त की पत्नी की हत्या का राज
बीवी ब्यूटीशियन और पति एक नंबर का नशेड़ी और बेशर्म. ऊपर निकम्मा व बेरोजगार. आखिर कितने दिन निभती. उन की जिंदगी के मैदान से ले कर मन तक में भी कोहराम मच गया था.
भाई ने कर दी भाई की हत्या
भाभी का देवर से हंसीमजाक बहुत ही 'सामान्य बात है, किंतु यही जब अवैध संबंध में बदल जाता है, तब मानो दोनों के सिर से पानी गुजरने जैसी स्थिति बन जाती है.
हनीट्रैप गैंग में ऐसे फंसते थे लोग
जेल से छूटने के बाद फिरोज ने 7 लोगों के साथ हनीट्रैप का एक गैंग बना लिया था. गैंग में शामिल निशा और जुनैदा फोन से नए लोगों से बात कर दोस्ती करतीं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए किसी होटल में बुलाती थीं. इस के आगे का काम गैंग के अन्य सदस्य करते थे. फिर शुरू होती थी शिकार से लाखों रुपए की वसूली. आप भी जानें कि ऐसे गैंग से कैसे बचा जाए?
बड़ौदा के महाराजा का जहरीला कारनामा
बड़ौदा के 11वें शासक मल्हारराव गायकवाड़ के शासन में गुंडागर्दी और अराजकता चरम पर पहुंच गई थी. तब अंगरेज शासकों ने राबर्ट फेयर को रेजीडेंट के रूप में नियुक्त किया. लेकिन मल्हारराव ने जिस तरह राबर्ट फेयर को मारने की कोशिश की, वह उन्हीं के गले की ऐसी फांस बन गई कि .....
महानगरों में जड़ें जमाता ड्रग्स का कारोबार
गुजरात ऐसा राज्य है, जहां पर सुशासन क दुहाई देने वाली भाजपा की सरकार लंबे समय से है. इस के बावजूद इस राज्य के बंदरगाह पर भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जा रही है. यहीं से ड्रग्स अन्य राज्यों में पहुंचाई जाती है. महानगरों के युवा बड़ी तेजी से ड्रग्स की गिरफ्त में आखिर क्यों आते जा रहे हैं?
साधु के भेष में मिला 300 करोड़ का घोटालेबाज
300 करोड़ रुपए का घोटाला कर एक क्रेडिट सोसाइटी का डायरेक्टर साधु बन कर मंदिरों में प्रवचन करने लगा. पुलिस की आंखों में 14 महीने से धूल झोंक रहे इस नटवरलाल को दबोचने के लिए आखिर कैसा कैसा चोला धारण करना पड़ा? पढ़िए, इस रोचक कहानी में....
इश्क में अंधे वकील ने ली बीवी की जान
कहने को तो विशाल चौहान कानून का रखवाला था, लेकिन उस ने बीवी बच्चों के रहते न सिर्फ छोटे भाई की पत्नी को फांस रखा था, बल्कि दोस्त की बहन से शादी करने की तैयारी कर रहा था. एक ने वकील होते हुए उस ने कानून तोड़ने का जो दुस्साहस किया था, उस के अंजाम में उस की 35 वर्षीय पत्नी वर्षा गोलियों का शिकार हो गई. आखिर किस कदर बिछती चली गई जुर्म की बिसात? पढ़ें, सब कुछ इस कथा में....
विवाहिता के प्यार में 4 हत्याएं
सरकारी टीचर सुनील गौतम अपनी पत्नी पूनम भारती और 2 बेटियों के साथ अमेठी में रहता था. वह अपने काम से काम रखता था. फिर एक दिन किसी ने सुनील, उस की पत्नी और दोनों बेटियों को घर में घुस कर गोलियों से भून डाला. आखिर कौन था हत्यारा और क्यों की उस ने ये हत्याएं ?