अरे, वही रवि गोसाईं, जिन्होंने टैलीविजन सीरियल 'अमानत' में 'निगोड़े' का किरदार निभा कर इतना ज्यादा नाम कमाया था कि नकारा यानी निगोड़े शब्द का मतलब ही बदल दिया था.
पर दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में जनमे और वहीं के एक सरकारी स्कूल से पढ़े रवि गोसाईं का यह सफर इतना आसान भी नहीं रहा. हां, इतना तो तय था कि वे कैमरे का सामना करने से कभी घबराए नहीं, वह भी अपने डांस की वजह से.
दरअसल, रवि गोसाईं को डांस करने का इतना ज्यादा शौक था कि कहने ही क्या वे डांस करते भी अच्छा थे, नहीं तो डांस की आल इंडिया चैंपियनशिप के 3 बार विजेता न बनते, अपने 'मिथुन दा' का डिस्को डांस स्टाइल अपना कर.
रवि गोसाईं का कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है, फिर भी उन्होंने मायानगरी मुंबई में अपने थिरकते पैर कैसे जमाए ? इस सवाल पर रवि गोसाईं ने बताया, "दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान राजनीतिक विज्ञान के हमारे टीचर इसलाम सर के साथ मैं ने कई नुक्कड़ नाटक किए थे. मैं जब मुंबई गया, तो वहां अपनी पहचान बनाना आसान काम नहीं था.
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भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.
एक थप्पड़ की कीमत
वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?
वर्मा साहब गए पानी में
वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'
आसाराम का ढहता साम्राज्य
आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.
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