पूछने पर गौरव बहाना बना कर टाल जाता था कि दोस्तों के संग गप मार रहा था. कमानेखाने की कोई खास चिंता उसे थी नहीं, क्योंकि घर में 8 भैंसें बंधी थीं, जिन के दूध से अच्छीखासी आमदनी हो जाती थी. 5 बीघा पुश्तैनी जमीन से भी ठीकठाक पैसा आ जाता था.
पिछले साल ससुर की मौत के बाद से गौरव घर से बाहर ज्यादा रहने लगा था, लेकिन छाया की असल चिंता की वजह यह थी कि गौरव कुछ दिनों से सैक्स में नईनई पोजीशन ट्राई करने लगा। था, जबकि इस से पहले सैक्स का उस का अपना रूटीन था, जिस में प्रयोग न के बराबर होते थे. छाया को संतुष्टि मिली या नहीं, इस से उसे कोई सरोकार नहीं रहता था. अपना काम होते ही वह सो जाता था, जिस से छाया को कोफ्त होती थी.
पर, अब गौरव को सैक्स का इतना ज्यादा सरोकार रहने लगा था कि वह बारबार छाया से पूछता था कि कैसा लग रहा है ? मजा आया या नहीं? ऐसा करने में ज्यादा मजा आता है या वैसा करने में. तू हमबिस्तरी के दौरान चुप क्यों रहती है? कितनी देर और टिकेगी या अभी क्या पोजीशन है, बताती क्यों नहीं? ऐसी बातें उस ने शादी के 5 साल बाद कभी नहीं की थीं.
हद तो उस दिन हो गई, जब गौरव ने थोड़ी देर के फोरप्ले के बाद छाया से "चल, आज ओरल सैक्स कहा, करते हैं."
इस के पहले भी गौरव कई दफा अपने मोबाइल फोन पर ओरल सैक्स वाली पोर्न फिल्में छाया को दिखा चुका था, जिन में थोड़ी देर तो उसे मजा आता था, लेकिन फिर उबकाई सी आने लगती थी कि भला यह भी कोई तरीका है। मजा लेने का.
हमेशा की तरह छाया ने आज भी ओरल सैक्स करने से इनकार कर दिया, तो गौरव को थोड़ा गुस्सा आ गया और वह बोला, "तू कौन से जमाने की औरत है... यह देख... " कहते हुए उस ने एक और ब्लू फिल्म उसे दिखाई, जिस में दूसरे तरीकों से वही सबकुछ था, जो पहले ही कई फिल्मों में वह देख चुकी थी या गौरव उसे जबरन दिखा चुका था.
कोई असर न होता न देख गौरव बोला, “प्लीज कर के तो देख. बहुत मजा आता है इस में."
इस पर छाया हमेशा की तरह खामोश रही, तो थोड़े ताव में आ कर गौरव बोला, "तू क्या जाने अदरक का स्वाद... तू न दे, लेकिन आज मैं तुझे वह मजा देता हूं, जिस के लिए तू मुझे शादी के बाद से ही तरसा रही है..."
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