इस दोहे के जरीए कबीरदास कहते हैं कि आदमी को ऐसी बोली बोलनी चाहिए, जो सुनने वाले के मन को खुश करे. इस से बोलने वाले को तो सुख मिलेगा ही, सुनने वाले को भी खुशी मिलेगी जो लोग जनता के बीच हैं, उन्हें इस बात का खास खयाल रखना चाहिए.
“चुनाव जीतने के बाद मैं लोगों से मिलने उन के बीच गई, तो कई लोगों ने मुझे घेर लिया और पानी, साफसफाई और महल्ले की गंदगी को ले कर तेज आवाज में बात करने लगे. एक औरत भी उन में थी. हमें यह पता था कि इन लोगों ने हमें वोट नहीं दिया है, क्योंकि जब हम चुनाव प्रचार में जाते थे, तो ये लोग घर से भी नहीं निकलते थे. अब शिकायत करने सब से पहले आ गए थे.
"मेरे पति ब्रजेश पाठक लखनऊ की कैंट विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़ रहे थे. उस के पहले वे लखनऊ से ही चुनाव जीते थे. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीट बदल गई थी. उन के पास प्रचार के अलावा पार्टी का भी काम था. मैं केवल क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थी, तो मुझे एकएक घर का पता था कि किस का कैसा बरताव था... " उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक ने यह बात कही.
वे आगे कहती हैं, “चुनाव जीतने के बाद ब्रजेश पाठक डिप्टी सीएम बने, तो उन्हें और भी कम समय मिलने लगा. लेकिन, मैं पहले की तरह ही लोगों के बीच रही. ऐसे में कई तरह की शिकायतें लोग करते हैं. हम पहले शांत भाव से लोगों की बातें सुनते हैं. इस के बाद प्यार से समझाते हैं. कभी भी चेहरे पर गुस्सा या तनाव झलकने नहीं देते.
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