आज भी जारी है 'आंटासांटा' का रिवाज
Saras Salil - Hindi|December Second 2022
पिछले दिनों 'आंटासांटा' प्रथा पर सवाल खड़े करने वाली सुमन चौधरी ने मरने से पहले लिखे अपने सुसाइड नोट में पूरे समाज को जिस तरह नंगा कर के कठघरे में खड़ा किया है, उस से साफ नजर आ रहा है कि सुमन चौधरी किसी भी तरह की दिमागी बीमारी से नहीं, बल्कि 'आंटासांटा' की सामाजिक बीमारी या यों कहें कि सामाजिक कुप्रथा की वजह से परेशान थीं.
मदन कोथुनियां
आज भी जारी है 'आंटासांटा' का रिवाज

सुमन चौधरी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मेरा नाम सुमन चौधरी है. मुझे पता है कि आत्महत्या नहीं करनी चाहिए, लेकिन मैं आत्महत्या करना चाहती हूं. मेरे मरने की वजह मेरा परिवार नहीं है, बल्कि समाज है, जिस ने 'आंटासांटा' (बेटी दे कर बहू लाने) की प्रथा चला रखी है.

'इस वजह से लड़कियों को जिंदा मौत मिलती है, जिस में समाज के समझदार कहलाए जाने वाले लोग अपनी बेटियों को बहू लाने के बदले समाज में बेच देते हैं. आज समाज की नजरों में तलाक लेना गुनाह है, अपनी मरजी से शादी करना गुनाह है.

'मैं मानती हूं कि तो फिर यह 'आंटासांटा' की प्रथा भी गलत है. आज इस कुप्रथा की वजह से समाज में हजारों लड़कियों व परिवारों की जिंदगी बरबाद हो गई है. इस प्रथा के चलते पढ़ीलिखी लड़की की जिंदगी पर गहरा बुरा असर पड़ता है. 17 साल की लड़की को 40 साल के अधेड़ से ले कर 70 साल के बुड्ढे को ब्याह दिया जाता है, केवल अपने स्वार्थ के कारण.'

आगे दूसरे पेज पर सुमन लिखती हैं, 'मैं चाहती हूं कि मेरी मौत के बाद मेरी बातें बनाने व मेरे परिवार पर उंगली उठाने के बजाय समाज इस कुप्रथा को बंद करने के खिलाफ आवाज उठाए. इस प्रथा को बंद करने के लिए समाज के भाइयों को शुरुआत करनी होगी.

'मेरी हर एक भाई को उन की बहनों की राखी की सौगंध कि वे अपनी जिंदगी संवारने के लिए अपनी बहनों की जिंदगी नरक न बनाएं. आज इस प्रथा के कारण समाज के लोगों की सोच इतनी गंदी हो गई है कि लड़की के पैदा होते ही सोच लिया जाता है कि इस लड़की को किस लड़के के बदले देना है.'

सुमन और आगे लिखती हैं, 'मैं चाहती हूं कि इस कुप्रथा के बारे में स्कूलकालेज के पाठ्यक्रमों में जानकारी दें. अखबारों व मीडिया के जरीए समाज को जागरूक किया जाए, ताकि हजारों लड़कियों की जिंदगी बरबाद होने से उन्हें बचाया जा सके. अगर मेरे कारण 10 लड़कियों की जिंदगी बरबाद होने से बच गई, तो मैं समझुंगी कि मेरे मरने के बाद भी मेरी जिंदगी किसी के काम आ गई.'

आत्महत्या के वक्त सुमन की हताशा, नाउम्मीदी या निराशा कैसी रही होगी और कैसे जा कर वह आखिर इस नतीजे पर पहुंची होगी, उसे अनदेखा करना नाइंसाफी होगी.

Denne historien er fra December Second 2022-utgaven av Saras Salil - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra December Second 2022-utgaven av Saras Salil - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA SARAS SALIL - HINDISe alt
भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
Saras Salil - Hindi

भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां

भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.

time-read
4 mins  |
February Second 2023
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
Saras Salil - Hindi

गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले

\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.

time-read
3 mins  |
February Second 2023
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
Saras Salil - Hindi

सैक्स रोगों की अनदेखी न करें

सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.

time-read
3 mins  |
February Second 2023
एक थप्पड़ की कीमत
Saras Salil - Hindi

एक थप्पड़ की कीमत

वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?

time-read
3 mins  |
February Second 2023
वर्मा साहब गए पानी में
Saras Salil - Hindi

वर्मा साहब गए पानी में

वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...

time-read
5 mins  |
February Second 2023
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
Saras Salil - Hindi

नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज

सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?

time-read
5 mins  |
February Second 2023
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
Saras Salil - Hindi

कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां

एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'

time-read
5 mins  |
February Second 2023
आसाराम का ढहता साम्राज्य
Saras Salil - Hindi

आसाराम का ढहता साम्राज्य

आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.

time-read
3 mins  |
February Second 2023
अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?
Saras Salil - Hindi

अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?

जिस तरह भारत के बड़े रुपएपैसे वाले, चाहे अडाणी हों या अंबानी की जायदाद बढ़ती चली जा रही है और दुनिया के सब से बड़े पूंजीपतियों की गिनती में इन को शुमार किया जाने लगा है, उस से यह संकेत मिलने लगा था कि कहीं न कहीं तो दो और दो पांच है.

time-read
3 mins  |
February Second 2023
सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन
Saras Salil - Hindi

सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन

सुनामी चाहे कोई समुद्र उगले या कोई फिल्म, ज्वार का जोश ठंडा होने पर ही पता चलता है कि तबाही किस हद तक की थी. कुछ ऐसा ही महसूस हुआ फिल्म 'पठान' को ले कर.

time-read
4 mins  |
February Second 2023