सामाजिक एकता व भाईचारे के खाते में मंगलवार, 29 नवंबर, 2022 एक खास दिन के रूप में याद रखा जाएगा और राजस्थान के नागौर से 30 किलोमीटर दूर जाखड़ों की ढाणी, अगुणी कांकड़ चाऊ के रहने वाले देवाराम जाखड़ का नाम भी साथ में दर्ज हो गया.
देवाराम जाखड़ की प्रगतिशील सोच व क्रांतिकारी पहल के चलते एक दलित समाज की लड़की पुष्पा की शादी एक जाट किसान परिवार के आंगन में पूरी होने पर देवाराम जाखड़ की सोच, उन की कोशिश और उन की हिम्मत की हर कोई तारीफ कर रहा है.
गंवई इलाके में सब से ज्यादा अछूत समझी जाने वाली हरिजन जाति का नौजवान चाऊ गांव में दूल्हा बन कर घोड़ी पर ही नहीं बैठा, बल्कि वह घोड़ी पर सवार हो कर तोरण मारने के लिए। जाट जाति के घर भी पहुंच गया.
जाखड़ों वाली ढाणी पर जब यह बरात पहुंची, तो जाटणी (देवाराम जाखड़ की पत्नी) ने दूल्हे का स्वागत चांदी के सिक्के से तिलक लगा कर किया.
जाखड़ों की ढाणी में घोड़ी पर बैठे हरिजन दूल्हे के आगे भी वैसे ही नाचगान चल रहे थे, जैसे अकसर यहां के जाटों में होने वाले शादीब्याह में चलते रहते हैं.
देवाराम जाखड़ ने शादी के कार्ड में कार्ल मार्क्स का संदेश 'लोगों की खुशी के लिए पहली आवश्यकता धर्म का अंत है. धर्म अफीम की तरह है,' लिखवाया.
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