इन में महिमा गुप्ता का नाम सब से ऊपर है. अपनी हौटनैस और बोल्ड अंदाज के लिए जानी जाने वाली ऐक्ट्रैस महिमा गुप्ता हिंदी की चर्चित वैब सीरीज 'गंदी बात' से चर्चा में आई थीं.
इस के अलावा महिमा गुप्ता 'लव का कबूतर', 'देदे प्यार दे' के साथसाथ भोजपुरी फिल्म 'पति, पत्नी और भूतनी' में भी अपना जलवा दिखा चुकी हैं, वे जल्द ही एक हिंदी वैब सीरीज में रणदीप हुड्डा के साथ नजर आने वाली हैं. एक मुलाकात में महिमा गुप्ता के फिल्मी कैरियर पर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :
आप ने ऐक्ट्रैस बनने का सपना बचपन से देखा था या इत्तिफाक से इस फील्ड में आ गईं?
मैं बचपन से ही कुछ बड़ा करना चाहती थी. जब मैं ने कालेज जौइन किया तो लगा कि बड़ा करने के लिए ऐक्टिंग का क्षेत्र ज्यादा मुफीद होगा. फिर मैं ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए फिल्मों में ऐक्टिंग की तरफ रुख किया और मुझे आसानी से मौका भी मिल गया. आप यह कह सकते हैं कि मैं कुछ बड़ा करने के चक्कर में ऐक्ट्रैस बन गई.
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में काफी कंपीटिशन है. आप किन लोगों से कंपीटिशन महसूस करती हैं?
यह सच है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ज्यादा ही कंपीटिशन है, पर मेरी किसी से होड़ नहीं है. सच कहूं, तो मेरी होड़ खुद से है.
आप रणदीप हुड्डा की वैब सीरीज से कैसे जुड़ीं?
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भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.
एक थप्पड़ की कीमत
वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?
वर्मा साहब गए पानी में
वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'
आसाराम का ढहता साम्राज्य
आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.
अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?
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सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन
सुनामी चाहे कोई समुद्र उगले या कोई फिल्म, ज्वार का जोश ठंडा होने पर ही पता चलता है कि तबाही किस हद तक की थी. कुछ ऐसा ही महसूस हुआ फिल्म 'पठान' को ले कर.