वैसे तो हिंदी वैब सीरीज 'फ्लेम्स' जवान होते स्कूली छात्रों के पहले प्यार और रोमांस पर बनी है, पर इस में एक सीन बड़ा झकझोर देने वाला है, जिस में मेन किरदार रजत उर्फ रज्जो का बड़ा भाई इंजीनियरिंग के अपने एक सैमेस्टर के बीच में ही घर आ जाता है और जब उस के सब्र का बांध टूट जाता है, तब वह अपने पिता को बताता है कि उस के खास दोस्त ने होस्टल में खुदकुशी कर ली है और यह बात उस के दिमाग से निकल नहीं रही है.
साल 2022 के आखिरी महीने में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के कमलापुर कसबे में बने राजा बहादुर सूर्य बख्श सिंह इंटर कालेज की 3 छात्राओं द्वारा एक हफ्ते के अंदर खुदकुशी किए जाने के मामले से पूरे इलाके में सनसनी मच गई थी.
नैशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में देश में 11,396 बच्चों ने खुदकुशी की थी, जो साल 2019 के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा थी. साल 2019 में 9,613 जबकि साल 2018 में 9,413 बच्चों ने खुदकुशी की थी.
ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं, लेकिन बतौर आम आदमी पहले तो हम सब लोग उस इनसान के प्रति हमदर्दी जताते हैं, जो अपनी जान अपनी नासमझी की वजह से गंवा देता है और फिर उस के परिवार के लिए अफसोस करते हैं कि उन की जिंदगी तो जीतेजी नरक हो गई, पर हमारा ध्यान कभी उन हमउम्र छात्रों की तरफ नहीं जाता है, जो इस तरह की बेदर्द मौत के चश्मदीद बनते हैं.
ऐसे बच्चों पर क्या बीतती होगी, जो अपने रूम पार्टनर को फांसी से झूलते या हाथ की कटी नस से बेसुध बिस्तर पर पड़े या फिर इमारत की छत से छलांग लगाते देख लेते हैं ?
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