राजस्थान के सीकर जिले के लोसल निवासी शिवभगवान सोनी की बेटी पूजा सोनी जब जवान हो गई, तब उस के घर वालों ने उस का रिश्ता सन 2003 में सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के पुष्पनगर निवासी रमेशचंद्र सोनी के बेटे मुकेश सोनी से तय कर दिया. सगाई के बाद उसी साल पूजा और मुकेश की शादी हो गई.
पूजा मायका छोड़ कर ससुराल आ गई. मुकेश जैसा पति पा कर वह अपने आप को भाग्यशाली समझती थी. मुकेश अपना सुनारी का खानदानी काम किया करता था. वहां पूजा को कभी किसी चीज की कमी नहीं थी. सासससुर भी उसे खूब मानते थे. हंसीखुशी समय गुजर रहा था.
पूजा और मुकेश की शादी सन 2003 में हुई थी. मगर सन 2020 में कोरोना महामारी आने तक भी पतिपत्नी 2 ही रहे यानी उन के बच्चा नहीं हुआ. मुकेश और पूजा के साथ जिन युवकयुवतियों की शादियां हुई थीं, उन के घर बच्चों से भर गए थे. मगर पूजा और मुकेश को अब भी संतान का इंतजार था.
आखिर यह इंतजार भी खत्म हुआ और सन 2020 में पूजा सोनी के पैर भारी हो गए. इस की खबर पूजा ने पति मुकेश को दी तो मुकेश बोला, "पूजा, आज मैं बहुत खुश हूं. यह सुनने के लिए मुझे 17 साल इंतजार करना पड़ा."
“मैं भी न जाने कब से बच्चा चाह रही थी. आज मेरे भी मन को बड़ी तसल्ली मिली है. क्योंकि हमारी मुराद पूरी हो जाएगी. मैं बहुत खुश हूं." पूजा ने हंसते हुए कहा.
उन दिनों कोरोना महामारी ने विकराल रूप धारण कर रखा था. गर्भवती पूजा का ऐसे में खास खयाल रखा जाने लगा था ताकि वह कोरोना से बची रहे. मुकेश अपने घर पर ही सुनारी का काम कर रहा था.
अप्रैल 2021 में पूजा सोनी ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया. घर में खुशी छा गई. रमेशचंद्र सोनी दादा बन गए थे. सोनी परिवार बहुत खुश था. खुशी से जच्चाबच्चा का खयाल रखा जाने लगा.
अभी नवजात करीब 25 दिन की थी कि मुकेश को बुखार आ गया. जांच कराने पर पता चला कि मुकेश को कोरोना हो गया है.
उन दिनों राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोरोना के प्रतिदिन लाखों केस आ रहे थे. हजारों लोग हर रोज मर रहे थे. कोरोना ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर रखा था. मुकेश सोनी भी कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ते हुए 5 मई, 2021 को आखिर जिंदगी से हार गए.
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