मोहम्मद शमीम मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला था. 4 बेटों व 2 बेटियों का भरापूरा परिवार था. सन 2005 में शमीम 3 बेटों मोहम्मद अयाज, मोहम्मद इनियाज और मोहम्मद आमिर के साथ दिल्ली से सटे गाजियाबाद की ट्रोनिका सिटी (लोनी) में आ कर बस गया. सब से बड़ा बेटा गांव में अपनी थोड़ीबहुत जमीन पर खेती कर वहीं गुजरबसर करने लगा.
2 बड़ी बेटियों की उस ने शादी कर दी थी. शमीम और उस की पत्नी का अपने तीनों बच्चों के साथ वक्त कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला.
17 साल पहले जब यह परिवार लोनी में आ कर बसा था तो सभी एक साथ किराए के मकान में रहते थे. बड़ा बेटा अयाज कढ़ाई का कारीगर था. उस से छोटा इनियाज भी एक रेडीमेड गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था. जबकि खुद शमीम एक बड़े कबाड़ी के यहां उस का सारा काम देखता था. वक्त कैसे गुजर गया, पता ही नहीं चला.
अयाज और उस की बीवी, एक बेटा और 2 बेटियों के मातापिता बन गए. जिन की उम्र 14 से 16 साल के बीच है. जब परिवार दिल्ली आया था, तब सब से छोटे भाई आमिर की उम्र 5 साल थी. वह भी अब बांका जवान हो गया था और घरों में पुताई व पेंटिंग का काम करता था.
इस गुजरे वक्त में बीच वाले भाई इनियाज की भी शादी हो गई और वह अपने परिवार के साथ लोनी की ट्रोनिका सिटी के खुशहाल पार्क में अपना मकान बना कर रहने लगा. शमीम भी अपनी बीवी और बेटे आमिर व इनियाज के साथ रहने लगा था. सब से बड़े बेटे खुशहाल ने भी उसी कालोनी में प्लौट खरीद कर उस पर 3 कमरों का एक मकान बना लिया था. जिस में वह अपनी बीवी सजरा खातून व तीनों बच्चों के साथ रहता था.
शमीम की एक विवाहित बेटी भी इसी कालोनी में रहती थी. एक तरह से एक ही परिवार से जुड़े 3 परिवार एक ही कालोनी में 4 सौ से 8 सौ मीटर की दूरी पर रहते थे. तीनों परिवार अपनी जिंदगी से बहुत खुश थे. सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक 12 नवंबर, 2022 की रात को कुछ ऐसा हुआ कि हंसतेखेलते मोहम्मद शमीम के परिवार में मातम पसर गया.
उस रात करीब सवा 3 बजे किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम के डायल 112 पर फोन कर के बताया कि खुशहाल पार्क में बदमाशों ने मोहम्मद अयाज के घर में घुस कर उसे चाकू मार दिया है.
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