स्वाद किस दौर में पसंद नहीं किया गया, लेकिन इसका मतलब यह कभी नहीं रहा कि आपकी सेहत प्रभावित होती हो तो हो जाए। स्वाद के साथ हमेशा ही सेहत की जुगलबंदी रही और तभी घर के बने व्यंजन, अचार, मसाले- सब कुछ फिटनेस के लिए 'हेल्थ कैप्सूल' का काम करते रहे। लेकिन बीते कुछ सालों से जुबान पर स्वाद का रंग कुछ ऐसा चढ़ा है कि लोग, खासकर महिलाएं अपनी सेहत की कीमत पर भी उसको तरजीह दे रही हैं। हालात यह हैं कि फास्ट फूड किशोर उम्र में ही लड़के-लड़कियों को मोटापा दे रहा है, तो कहीं महिलाएं सोशल स्टेटस के चक्कर में डिब्बा-बंद चीजों का इस्तेमाल कर रही हैं।
इसमें दो राय नहीं कि स्वाद ही किसी भोजन को खाने के लिए मजबूर करता है, लेकिन यह भी सच है कि जब रसोई आपके हाथों में है तो आप खुद ही पौष्टिक भोजन को स्वादिष्ट बना सकती हैं। हां, इसके लिए आपको सोशल स्टेटस के मिथ से बाहर निकलना होगा, लेकिन इससे आपके बढ़ते बच्चे को भी अपनी फिटनेस के लिए आर्टिफिशियल सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। आखिर आपको ही यह समझना होगा कि सही फिटनेस के लिए आपके शरीर को, बच्चे के शरीर को और पूरे परिवार को किस तरह के भोजन की जरूरत है।
ध्यान देने की बात है कि बीते कुछ सालों में युवाओं का फिटनेस के प्रति लगाव बढ़ा है। यह सही भी है और गलत भी। सही इसलिए कि सेहत के लिए यह जरूरी है और गलत इसलिए कि कुछ युवा अपने जीने के आधुनिक अंदाज का दिखावा करने लगे हैं। जल्द से जल्द खुद को फिट दिखाने और बॉडी बनाने के लिए ब्रांडेड प्रोटीन, पाउडर और कैप्सूल ले रहे हैं, जबकि जानकार कहते हैं कि इनसे बचना बेहद जरूरी है। ये सेहत पर बुरा असर डालते हैं। बेहतर है कि नेचुरल प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट लें और ज्यादा फैट वाली सामग्री से बच कर रहें। सेहत के जानकार पौष्टिक भोजन, दाल, सब्जियां और फल आदि खाने की सलाह देते हैं।
Denne historien er fra July 07, 2023-utgaven av Rupayan.
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
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नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
पावभाजी मखनी
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तंदूरी प्याज कुलचा
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