स्मार्टफोन से जुड़ी मनोवैज्ञानिक समस्याओं के बारे में आप अक्सर टेलीविजन पर सुनती होंगी और अखबार में पढ़ती होंगी, लेकिन क्या आप जानती हैं कि स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको कई तरह की पोस्चरल और मनोवैज्ञानिक समस्याएं दे सकता है। स्मार्टफोन से होने वाली इन दोनों तरह की समस्याओं का आपके जीवन पर गहरा असर पड़ता है और आप बीमारियों से घिर जाती हैं।
■ स्मार्टफोन की लत: स्मार्टफोन की लत उसे कहा जाता है, जब आप स्मार्टफोन का उपयोग तब भी करती हैं, जब यह जानती हैं कि आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए या जब आप इसका उपयोग करने के लिए बहाने बनाती हैं। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करना या बातचीत करना आदि। अगर स्मार्टफोन या एप्लिकेशन हटा दी जाए तो घबराहट के दौरे या असुविधा की भावनाएं सामने आती हैं। यह मटफोन की लत के लक्षण हैं।
■ नोमो फोबिया: नोमो फोबिया को समकालीन डिजिटल और आभासी समाज का एक विकार माना जाता है और यह मोबाइल फोन के संपर्क से बाहर रहने के कारण होने वाली असुविधा, चिंता, घबराहट या अत्यधिक परेशानी है।
■ नींद संबंधी विकार: यदि आप सोने से पहले फोन का उपयोग या लैपटॉप पर ब्राउज करना पसंद करती हैं तो स्क्रीन से निकलने वाली चमकदार नीली रोशनी नींद को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन करने से रोक सकती है और अनिद्रा को बढ़ावा दे सकती है। मेलाटोनिन हार्मोन आरामदायक नींद के लिए जरूरी है और अंधेरा होने पर स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है।
कुछ सुझाव काम आएंगे
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ढीला ढक्कन
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तंदूरी प्याज कुलचा
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