बेटे की बात भी सुनती हैं आप?
Rupayan|December 01, 2023
आप अपनी बेटी से प्यार करती हैं, उसकी बात सुनती हैं और गलती पर एक्शन भी लेती हैं। लेकिन इस सबके बीच कहीं बेटे की बातों को नजरअंदाज तो नहीं करतीं?
सरस्वती रमेश
बेटे की बात भी सुनती हैं आप?

युष आठवीं क्लास में पढ़ता है। वह अपनी मम्मी से अक्सर शिकायत करता है, "मम्मा, स्कूल में लड़कियां मुझे चिढ़ाती हैं। मुझे स्कूल नहीं जाना।" श्रेया इसे बच्चों के बीच की छोटीमोटी बात मानकर अनदेखा करती है। कभी-कभी वह झल्ला कर कहती है, "तुम लड़के हो, लड़कियों से डरते क्यों हो?" एक दिन श्रेया ने अखबार में एक लड़के के स्कूल की लड़कियों द्वारा चिढ़ाए जाने से तंग आकर आत्महत्या करने की खबर पढ़ी। उसने तुरंत स्कूल जाकर टीचर्स से इस मामले को गंभीरता लेने की बात की। हालांकि श्रेया अपनी बेटी पहल के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं करती। जब उसकी बेटी किसी बात की शिकायत करती है तो वह ध्यान से सुनती है। स्कूल में जाकर टीचर से शिकायत करती है। वह बेटी को गलत व्यवहार के प्रति जागरूक भी करती है, लेकिन आयुष की बुलिंग पर उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इस तरह अनजाने में ही आयुष माता-पिता के भेदभाव का शिकार हुआ।

Denne historien er fra December 01, 2023-utgaven av Rupayan.

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शाप भी देते हैं पितर
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