थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने वर्ष 1992 में महिलाओं को शॉर्ट-सर्विस कमीशन अधिकारियों के रूप में शामिल करना शुरू किया था।
भारतीय सैन्य जवानों के जब भी हम किस्से सुनते हैं, दिल और आंखें भर आती हैं। अपनी मिट्टी की रक्षा के लिए लड़ते इन जवानों के जज्बे को देख सीना गर्व से फूल जाता है। एक समय था, जब सरहदों पर केवल पुरुषों को ही अपनी मिट्टी के कर्ज की अदायगी का मौका मिलता था, महिलाओं को नहीं। लेकिन अब समय करवट ले चुका है। आज भारत की बेटियां सरहदों पर भी दुश्मन की ईंट से ईंट बजाकर उनका मुकाबला कर रही हैं। देश की रक्षा के लिए अब पुरुष ही नहीं, हमारी महिलाएं भी तत्पर हैं। आज 26 जनवरी है। आज के ही दिन 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ था। इस दिन हर साल सैन्य परेड निकाली जाती है, जिसका मकसद अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करना होता है। परेड के सैन्य दस्तों का नेतृत्व करती महिलाएं हमारे सेना की ताकत को मजबूती प्रदान कर रही हैं। अपने बल पर एक मुकाम पाने वाली और भारतीय सेना को मजबूती देने वाली ऐसी ही कुछ महिलाओं की कहानी-
डॉ. पुनीता अरोड़ा
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल
लड़की होने का नहीं हुआ अहसास
Denne historien er fra January 26, 2024-utgaven av Rupayan.
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?