यह नकल कहीं भारी न पड़ जाए!
Rupayan|June 07, 2024
खाना बनाना आपको पसंद है? आप नेट पर मौजूद भिन्न-भिन्न रेसिपी को देखकर उनको बनाती हैं। उनमें बताए गए सारे मसालों को डालती हैं, लेकिन क्या वे आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं?
डॉ. राजीव पुंडीर
यह नकल कहीं भारी न पड़ जाए!

आजकल सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है, जहां हर कोई फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-टयूब के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन कर नाम और पैसा कमाना चाहता है। आज यू-ट्यूब पर हर देश और हर प्रकार के व्यंजन, चाहे वेजिटेरियन हों या फिर नॉन वेजिटेरियन, बिना तले-भुने हों या फिर खूब मसालेदार चटपटे, सबको बनाने की भिन्न-भिन्न विधियां वीडियो के माध्यम से उपलब्ध हैं। लेकिन जब हम बिना सोचे-समझे ही इन वीडियो को देखकर हमारी प्रकृति के लिए क्या सही और क्या गलत, इस पर विचार किए बिना ऐसे व्यंजन अपने और परिवार के लिए बना लेते हैं तो इनका हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा हम भिन्न-भिन्न प्रकार के रोगों और कई अन्य तरह की परेशानियों में पड़ सकते हैं।

आज विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस है, ऐसे में आप अपने भोजन को लेकर कितनी जागरूक हैं, आपको यह सोचने की जरूरत है। आयुर्वेद में हमारा भोजन कैसा होना चाहिए, भोजन बनाते समय किन बातों का विचार करना चाहिए, इन सबका विस्तार से वर्णन मिलता है, जिसे 'अष्ट आहार-विधि विशेष आयतन' नाम दिया गया है। इसकी सामान्य जानकारी हर महिला को होनी चाहिए। साथ ही आपको कभी भी इन व्यंजनों को बनाने वाले वीडियो को हूबहू कॉपी नहीं करना चाहिए।

आहार प्रकृति का ज्ञान

Denne historien er fra June 07, 2024-utgaven av Rupayan.

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शाप भी देते हैं पितर
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धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।

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व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।

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जैसी श्रद्धा, वैसा भोज
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