सुबह के छह बजे थे। बच्चे सोए हुए थे, पति भी गहरी नींद में थे। नींद तो वैसे मिसेज वर्मा को भी आ रही थी, लेकिन उन्हें उठना ही था। नहीं तो नाश्ता और ऑफिस के लिए लंच नहीं बन पाएगा। धोने के लिए मशीन में कपड़े भी डालने थे। बच्चे की यूनिफॉर्म पर इस्त्री करनी थी। मिसेज वर्मा के लिए सुबह छह-साढ़े छह से लेकर आठ बजे तक घर एक युद्ध क्षेत्र बना रहता है। इस युद्ध क्षेत्र में विभिन्न कामों के साथ प्रतिदिन वह अकेली लड़ती हैं, जिनमें उन्हें जीतना होता है, क्योंकि हारने का कोई विकल्प नहीं है।
वैसे मिसेज वर्मा अकेली नहीं हैं, जिन्हें एक समय में कई-कई काम एक साथ करने पड़ते हैं। शहरी मध्य वर्ग की कामकाजी महिलाएं रोजाना ही एक साथ कई काम करती हैं, जिसको मल्टीटास्किंग कहा जाता है। आप किसी भी महिला से पूछ लीजिए, जवाब मिलेगा, "यह तो मेरा रोज का काम है। इससे बचने का कोई विकल्प नहीं है।" पुरुष भी मल्टीटास्किंग होते हैं, लेकिन महिलाओं पर समय से ऑफिस पहुंचने के साथ ही पति और बच्चों को सही समय पर ऑफिस तथा स्कूल भेजने का अतिरिक्त दबाव होता है। यह दबाव एक समय के बाद बढ़ता जाता है और धीरेधीरे इतना बढ़ जाता है कि महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत को भी प्रभावित करने लगता है।
आज की तेज-रफ्तार दुनिया में एक समय पर कई-कई काम करना सामान्य हो गया है, खासकर उन महिलाओं के लिए, जो कई जिम्मेदारियों को संभालती हैं। चाहे वे कामकाजी महिलाएं हों या गृहिणियां। घरेलू कार्यों, पारिवारिक जिम्मेदारियों और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने का दबाव अक्सर महिलाओं को मल्टीटास्किंग की ओर ले जाता है। पहली नजर में यह कई-कई कार्यों को एक साथ संभालने का एक बेहतर तरीका लगता है, लेकिन शोध बताते हैं कि मल्टीटास्किंग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं। यदि आप भी मल्टीटास्किंग हैं। तो इसके अच्छे-बुरे प्रभावों और उन्हें व्यवस्थित करने के तरीकों को जान लेना जरूरी है।
क्या यह एक विशेषता है?
Denne historien er fra June 28, 2024-utgaven av Rupayan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra June 28, 2024-utgaven av Rupayan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
रिश्ते का साइलेंट ट्रीटमेंट
आप दोनों हर छोटी-छोटी बात पर बहस करते हैं और बात बिगड़ जाती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आपको 'साइलेंट ट्रीटमेंट' यानी 'मौन उपचार' का इस्तेमाल करना चाहिए।
क्या आपका बच्चा भी है लेफ्टी?
अधिकतर बच्चे दाहिने हाथ से अपने सभी दैनिक कार्य करते हैं, लेकिन कई बच्चे दाहिने की जगह अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं। क्या यह कोई परेशानी की बात है?
आप भी बुन लें अपनों के लिए 'प्यार'
आपने दादी-नानी के हाथ से बुने स्वेटर खूब पहने होंगे, तो अपने बच्चों को इस प्यार से वंचित क्यों रख रही हैं? आप उनके लिए भी गरमाहट और सुकून के अहसास से भरा स्वेटर बुन सकती हैं।
आपके काम आएगी 'ईट द फ्रॉग'
आजकल कामकाजी और निजी जीवन में संतुलन बिठाने के लिए 'ईट द फ्रॉग' तकनीक काफी लोकप्रिय हो रही है।
शीट मास्क से त्वचा चमकदार
क्या सर्दियां आते ही आपकी त्वचा भी रुखी और बेजान नजर आने लगी है? अगर आपको कोई समाधान नहीं मिल रहा है तो शीट मास्क आपके लिए ही है।
... तो ऐसे बढ़ता है स्वाद
धैर्य के साथ किचन में आएं। धीमी आंच रखें। रेसिपी की सही जानकारी रखें और सामग्री की मात्रा का ध्यान रखें। स्वाद तभी आएगा।
सर्दी में आप और आपका शिशु
अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो ठंड के मौसम में आपको अपना खास ख्याल रखना होगा। जानकार कहते हैं कि तापमान में गिरावट और मौसमी संक्रमण से आपके साथ-साथ शिशु को भी नुकसान पहुंच सकता है।
मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।