जगह वक्त और उम्र तय करते हैं, क्या खाएं?
Rupayan|August 30, 2024
सबकी पोषण की आवश्यकता अलग-अलग होती है, खासतौर से शारीरिक बनावट को लेकर। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है, आप कहां और किस वातावरण में रहती हैं?
रक्षिता मेहरा
जगह वक्त और उम्र तय करते हैं, क्या खाएं?

अलग-अलग आयु के लोगा की आहार संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं, क्योंकि जीवन के विभिन्न चरणों में शरीर की जरूरतें भी बदलती रहती हैं।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर वर्ष सितंबर माह में एक से सात तारीख तक मनाए जाने वाला एक ऐसा अभियान है, जिसमें पोषण, संतुलित आहार और स्वस्थ भोजन की आदतों के महत्व के बारे में बताया जाता है। कहने को यह सप्ताह एक उत्सव है और एक असाधारण पहल भी, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण योगदान निभाता है और जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकता है।

मानव पोषण जैविक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और भौगोलिक घटकों के संयोजन से बना एक जटिल विज्ञान है। पोषण के क्षेत्र में भी एक मात्रा सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपने आपमें एक विशिष्ट डीएनए और आनुवंशिक संरचना, चयापचय दर और जीवन-शैली विकल्पों के साथ होता है, जो आहार और पोषण संबंधी जरूरतों को प्रभावित करते हैं। यह जरूरी नहीं है कि एक व्यक्ति के लिए जो चीज जरूरी है, वह दूसरे के लिए भी स्वीकार्य हो, क्योंकि उम्र, लिंग, शारीरिक गतिविधि स्तर, शरीर का आकार और चिकित्सा स्थिति, यहां तक कि भौगोलिक स्थिति जैसे कारक आहार संबंधी जरूरतों को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। इन सभी प्रभावित करने वाली वस्तुओं में से भौगोलिक स्थिति पोषण संबंधी आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण, लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला कारक है। हमारे भौतिक वातावरण के बीच एक जटिल संबंध है, जिसमें जलवायु, ऊंचाई, खाद्य संसाधनों तक पहुंच, सांस्कृतिक आहार और रीति-रिवाज जैसे निर्धारक शामिल हैं।

■ जलवायु के हिसाब से

Denne historien er fra August 30, 2024-utgaven av Rupayan.

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