अलग-अलग आयु के लोगा की आहार संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं, क्योंकि जीवन के विभिन्न चरणों में शरीर की जरूरतें भी बदलती रहती हैं।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर वर्ष सितंबर माह में एक से सात तारीख तक मनाए जाने वाला एक ऐसा अभियान है, जिसमें पोषण, संतुलित आहार और स्वस्थ भोजन की आदतों के महत्व के बारे में बताया जाता है। कहने को यह सप्ताह एक उत्सव है और एक असाधारण पहल भी, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण योगदान निभाता है और जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकता है।
मानव पोषण जैविक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और भौगोलिक घटकों के संयोजन से बना एक जटिल विज्ञान है। पोषण के क्षेत्र में भी एक मात्रा सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपने आपमें एक विशिष्ट डीएनए और आनुवंशिक संरचना, चयापचय दर और जीवन-शैली विकल्पों के साथ होता है, जो आहार और पोषण संबंधी जरूरतों को प्रभावित करते हैं। यह जरूरी नहीं है कि एक व्यक्ति के लिए जो चीज जरूरी है, वह दूसरे के लिए भी स्वीकार्य हो, क्योंकि उम्र, लिंग, शारीरिक गतिविधि स्तर, शरीर का आकार और चिकित्सा स्थिति, यहां तक कि भौगोलिक स्थिति जैसे कारक आहार संबंधी जरूरतों को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। इन सभी प्रभावित करने वाली वस्तुओं में से भौगोलिक स्थिति पोषण संबंधी आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण, लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला कारक है। हमारे भौतिक वातावरण के बीच एक जटिल संबंध है, जिसमें जलवायु, ऊंचाई, खाद्य संसाधनों तक पहुंच, सांस्कृतिक आहार और रीति-रिवाज जैसे निर्धारक शामिल हैं।
■ जलवायु के हिसाब से
Denne historien er fra August 30, 2024-utgaven av Rupayan.
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?