प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी महिला की पहली प्राथमिकता उसका आने वाला बच्चा होता है। इस वजह से एक मां अपनी कई चीजों से ब्रेक लेती है, जिसमें सबसे पहले वह खुद से दूर करती है अपने पसंदीदा कपड़े। मगर प्रेग्नसी में भी आप कुछ लेटेस्ट और आरामदायक कपड़ों का चुनाव कर स्टाइलिश दिख सकती हैं।
■ लॉन्ग ऑफ शोल्डर : आप खास लुक के लिए लॉन्ग ऑफ शोल्डर ड्रेस पहन सकती हैं, क्योंकि यह काफी आरामदायक होती है। प्रेग्नेंसी फोटोशूट के दौरान भी यह ड्रेस बहुत खूबसूरत लगती है। कॉटन ड्रेस अन्य ड्रेस के मुकाबले अधिक आरामदायक होती है।
Denne historien er fra September 20, 2024-utgaven av Rupayan.
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शहर के आम
“हां सावित्री, आज भले ही डॉक्टर बेटा-बहू ने हर तरह की सुख-सुविधा जुटा हो, पर गांव की बात ही अलग थी।\"
रिटायरमेंट के बाद आपका घर
दिन भर के काम के बाद हर कोई घर लौटता है, लेकिन रिटायरमेंट 1 के बाद वह अपना ज्यादातर समय घर में ही बिताता है। तब वह अपने घर को सजाना चाहता बेहद करीने से, खूबसूरती से।
दिल बहलता है उसका सिर्फ एक खिलौने से!
हर बच्चे को कोई खास खिलौना बहुत पसंद होता है। जब वह उस खिलौने से जुड़ जाता है तो वह खिलौना उसके लिए सिर्फ खेल का साधन भर नहीं रहता, बल्कि भावनात्मक सहारा बन जाता है।
जिंदगी जब झुकती है
आप व्यायाम करती हैं, उससे कितना फायदा होता है आपको? हाल के दिनों में हुए अध्ययन बताते हैं कि शरीर को लचीला बनाने वाले व्यायाम आपको एक स्वस्थ और लंबा जीवन दे सकते हैं। इसलिए शरीर को लचीला बनाएं और उसे झुकने दें।
प्रेग्नेंसी में कूल स्टाइल
महिलाएं हर मौके पर सबसे अलग और स्टाइलिश दिखना चाहती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी के दिनों में स्टाइलिश दिखने में थोड़ी सूझ-बूझ की जरूरत होती हैं।
शाप भी देते हैं पितर
धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।
हर तिथि का अलग श्राद्धफल
पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।
पितृदोष में पीपल की परिक्रमा
शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
पिंडदान के अलग-अलग विधान
व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।
पितृपक्ष में दान
भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।