आमतौर पर हमारा मानना है कि हमें ही अपने बच्चों को सब कुछ सिखाना है— मैनर्स, व्यावहारिकता, जीवन जीने का तरीका, आ कैरिअर बनाना, अच्छी बातें करना, समझदारी, समस्याओं को डील करना आदि। बच्चों को घुट्टी की तरह बहुत सी बातें हम घोल कर भी पिलाते हैं। बच्चों को सिखाने और पढ़ाने के इस क्रम में हमारा ध्यान इस तरफ नहीं जाता कि बच्चे भी हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। देखा जाए, तो आजकल की स्ट्रेसभरी लाइफ में अगर बच्चों को आप अपना गुरु बना लें, तो शायद जिंदगी से मुश्किलें थोड़ी कम हो जाएंगी। फोर्टिस स्कूल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम की हेड व क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. मीमांसा सिंह तंवर का कहना है, "हम सारी उम्र बच्चों को सिखाने में बेशक लगे रहें, लेकिन कदम-कदम पर उनसे मिलनेवाली सीख को हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खेल-खेल में बच्चे हमें वे सब बातें सिखा जाते हैं, जो सालों के अनुभव से भी हमें समझ नहीं आतीं, जैसे जीवन की छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ़ना, परेशानी को खुद पर हावी ना होने देना आदि। आजकल की लाइफ में जितना स्ट्रेस है, उसे देखते हुए तो यही कहा जाना चाहिए कि बच्चों के साथ बच्चा बन कर जीवन जीने में ही फायदा है। आज हमें खुद से यह सवाल पूछने की जरूरत है कि हम कैसे बच्चों की नजर से दुनिया को देखने का नजरिया बरकरार रखें।"
पहला पाठ क्रिएटिविटी
बच्चों का दिमाग फ्री माइंड होता है। उनके दिल-दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ नया चलता रहता है और वे हद से ज्यादा रचनात्मक होते हैं। चाहे दो टूटे खिलौनों को आपस में बांध कर कोई नया खेल बनाना हो, टूटे कंकड़ और पत्थरों से घर बनाना हो, दीवार पर आड़ी तिरछी लकीरें बनाना हो, बच्चे हर जगह अपनी रचनात्मक सोच का परिचय देते रहते हैं। जबकि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हमारी सोच एक सीमित दायरे में सिमटती जाती है। इससे हमारी रचनात्मकता प्रभावित होती है और हमारा समय भी बर्बाद होता है।
परेशानी को हावी ना होने देना
Denne historien er fra September 2022-utgaven av Vanitha Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra September 2022-utgaven av Vanitha Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
चिल्ड्रंस डे कुछ सवाल
अगर आज हम अपने बच्चों को बेहतर वर्तमान देने की हैसियत रखते हैं तो कल | हम देश के बेहतर भविष्य की गारंटी दे सकते हैं। चिल्ड्रंस डे पर दो अहम मुद्दे, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ये दोनों बातें बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें समझने की जरूरत है।
मैरिज रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी
अपनी शादी को कानूनी रूप से रजिस्टर कराने के कई फायदे हैं। मैरिज रजिस्ट्रेशन से संबंधित जरूरी बातें-
प्लस साइज दुलहन मेकअप व फैशन टिप्स
हर ब्राइड अपने बिग डे पर सबसे सुंदर दिखना चाहती है, फिर चाहे वह प्लस साइज ब्राइड ही क्यों ना हो ! कैसे दिखे कर्वी ब्राइड परफेक्ट और सबसे अलग ?
जब शादी में पहनें मां की वेडिंग ड्रेस
मां का लहंगा या दादी का पेंडेंट, शादी में कैसे पहनें, जानिए-
क्या है ऑफिस पीकॉकिंग
पीकॉकिंग एक सोशल बिहेवियर है, जिसका मतलब है दूसरों को इंप्रेस करने के लिए खुद को बदलना।
स्किन के लिए मैजिक टेप
बॉडी पर होने वाले हाइपोट्रॉपिक निशानों या केलॉइड्स को कम कर सकता है स्कार टेप।
दूल्हा सजेगा नहीं तो जंचेगा कैसे
बिग फैट इंडियन वेडिंग में जितनी दुलहन की ज्वेलरी जरूरी है, उतना ही महत्व है दूल्हे की ज्वेलरी व एक्सेसरीज का । ट्रेडिशनल से मॉडर्न जमाने तक के बदलावों पर एक नजर-
विंटर स्किन केअर
सरदियों में अपनी स्किन को दें थोड़ा ज्यादा दुलार, ताकि यह बनी रहे सॉफ्ट व हेल्दी।
सही बैंक्वेट कैसे चुनें
शादी की तैयारियों में बैंक्वेट हॉल बुक करने से पहले जरूरी है सही सवाल पूछना।
शादी में बचत
वेडिंग इंडस्ट्री इस साल आने वाले 2 महीनों में 35 लाख शादियों के साथ 4.25 लाख करोड़ रुपए के खर्च की तरफ बढ़ रही है।