पिछले दिनों दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में दरीबे जाना हुआ। सिल्वर ज्वेलरी के एक शोरूम में पहुंचे, तो अद्भुत नजारा था। विदेश में रह रही एक भारतीय महिला ट्रे में ढेर सारे गहने सजाए बैठी थी। उसने कई जोड़े कंगन, इयररिंग्स, नेकपीस, एंकलेट्स और पेंडेंट खरीदे। ये सब खासे वजनी थे और इनका दाम भी कम वजनी ना था। चांदी के प्रति ऐसी दीवानगी पहले कभी नहीं देखी। पिछले महीने दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी सिल्वर ज्वेलरी के स्टॉल्स पर लोगों की भीड़ उमड़ रही थी। एक से बढ़ कर एक डिजाइंस खासतौर पर युवा लड़कियों को लुभा रहे थे।
फैशन के इस दौर में चांदी के गहने ना सिर्फ फैशन ब्लॉगर्स, इन्फ्लूएंसर्स को, बल्कि आम लोगों को भी लुभाने लगे हैं। युवाओं के बीच तो ये बहुत पॉपुलर हो गए हैं। कोई संदेह नहीं कि भारत में पिछले वर्ष चांदी की बिक्री 80 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ी है। इसकी एक वजह शायद यह भी है कि 2 वर्षों में कोविड के कारण लोगों ने आभूषण कम ही खरीदे, चांदी की कीमतें भी स्थिर बनी रहीं या थोड़ी कम हुईं। लिहाजा कोविड के बाद जैसे ही फेस्टिव और वेडिंग सीजन आया, लोगों ने सब भूल कर चांदी को गले लगा लिया।
सिल्वर इसलिए है पॉपुलर
चांदी ट्रेंडी, टिकाऊ और सस्ती है। डिजाइंस बड़े मनभावन हैं। इसे किसी भी मौके पर और किसी भी आउटफिट के साथ पहना जा सकता है। सोना पहनना स्नैचर्स को दावत देना है, मगर चांदी के साथ ऐसा कोई खतरा भी नहीं। जानें क्यों हो रहा है सिल्वर इतना पॉपुलर-
• मजबूत और टिकाऊ: ज्वेलरी लंबे समय के लिए पहनी जानेवाली चीज है। गोल्ड या प्लैटिनम की तरह चांदी महंगा नहीं है, टिकाऊ है और इसे लंबे समय तक संजो कर रखा जा सकता है।
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