मराठी फिल्मों की सफल अभिनेत्री किशोरी बलराज विज और निर्माता-निर्देशक दीपक बलराज विज एक-दूसरे को पसंद तो करते थे, पर संकोचवश अपने प्रेम का इजहार नहीं कर पाए थे। लेकिन इन्हें तो सफल जोड़ी बनानी ही थी, और आज इतने सालों बाद भी इनका प्यार बरकरार है। मिलते हैं किशोरी और दीपक से और जानते हैं उनकी कहानी, उनकी ही जबानी-
किशोरी, कैसे मिलना हुआ आपका दीपक बलराज विज से?
मेरे माता-पिता की 3 बेटियां हैं और तीनों बेटियों को उन्होंने अपने कैरिअर बनाने की, उचित जीवनसाथी ढूंढ़ने की आजादी दी थी। मेरी एक सिस्टर एअरहोस्टेस बनी, मैंने कथक सीखा और मीठीबाई कॉलेज में पढ़ते हुए कॉलेज क्वीन का खिताब भी मिला। फिर कई विज्ञापन फिल्मों में काम के साथ मुझे मराठी फिल्मों में लीड रोल मिलते रहे। मराठी फिल्मों में मैं शिखर पर थी, जब दीपक बलराज जी ने मुझे जैकी श्रॉफ के कहने पर अपनी हिंदी फिल्म बम ब्लास्ट में ब्रेक दिया। हर शॉट के बाद वे एप्रिशिएट करते रहे। मराठी में दर्जनों फिल्म करने के बाद किसी मेकर से अपनी तारीफ सुनी नहीं थी। उनकी इस बात से मैं उनकी तरफ आकर्षित हुई।
दीपक : 1993 में मैंने बम ब्लास्ट फिल्म का निर्माणनिर्देशन किया था। किशोरी अच्छी अदाकारा और उम्दा डांसर हैं, मैं उनकी परफॉर्मेंस पर उनकी तारीफ किया करता था। एक-दूसरे के प्रति हम आकर्षित हुए यह सच है, लेकिन फिल्म पूरी होने के बाद भी मैंने शादी की बात नहीं की, बस हमारे पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता बनी।
कैसे-कब शादी का निर्णय आप दोनों ने लिया?
दीपक : मेरी कुछ पारिवारिक जिम्मेदारियां थीं, उन्हें पूरा करना था। मेरा स्वभाव भी संकोची होने से कभी किशोरी को प्रपोज नहीं कर पाया। हमारे परिवारों का त्योहारों पर मिलना जारी रहा। फिर दोनों परिवारों को अंदाजा हुआ कि हम जल्द शादी करेंगे।
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