विभागाध्यक्ष की मौजूदगी से प्रेरणा मिलती है
डॉ. एसपी बजाज सीनियर डॉक्टर, दिल्ली
दीवाली बिना पटाखे-फुलझड़ियां कैसी, लेकिन यही पटाखे कई बार गंभीर दुर्घटनाओं का कारण भी बन जाते हैं, जब इन्हें चलाने में लापरवाही की जाए। डॉ. एसपी बजाज ने सालों तक दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पतालों में बड़ी जिम्मेदारी संभाली है। दीवाली के अवसर पर जिस तरह उन्होंने अपने स्टाफ को मोटिवेट किया और मरीजों की देखभाल का अनूठा सिस्टम इंट्रोड्यूस किया, वह काबिलेतारीफ है। वे बताते हैं, "मैंने ड्यूटी पर दीवाली मनाने का प्रोसेस 2 जगहों पर किया, सफदरगंज अस्पताल और आरएमएल अस्पताल में दोनों जगहों पर मैं बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट में हेड ऑफ द डिपार्टमेंट था। सफदरगंज अस्पताल में 1982 से 1987 तक और फिर 1996 से 2002 तक और आरएमएल अस्पताल में 1987 से 1996 तक रहा। उन दिनों दीवाली के दिन फायर क्रैकर की वजह से अस्पताल में शाम 6 बजे से रात के 2 बजे तक 150 से 250 लोग पटाखों से जल कर आते थे। अस्पताल में पहुंचनेवाले मरीजों की संख्या इतनी अधिक होती थी कि उन्हें संभालना मुश्किल होता था। जब मैंने लंदन से लौट कर यहां 1982 में अस्पताल जॉइन किया, तब से कभी भी दीपाली अपने घर में नहीं मनायी। पहले रात के समय केवल जूनियर डॉक्टर्स ही अस्पताल में होते थे। सारे स्टाफ को मोटिवेशन मिले, इसके लिए मैंने उनसे कहा कि काम तो आप लोग ही करोगे, लेकिन मैं भी व्यक्तिगत रूप से दीवाली की रात अस्पताल में सुपरवाइज करने के लिए मौजूद रहूंगा। दरअसल, पटाखों से जलने के अलावा दूसरे पेशेंट्स भी आते थे। हमारा मकसद था मरीजों को अटेंड करना, उनके परिजनों को संभालना और उनके उपचार के शुरू होने में जरा भी देरी ना होने देना।
Denne historien er fra November 2023-utgaven av Vanitha Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra November 2023-utgaven av Vanitha Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
विद्या बालन इस सफर से बहुत कुछ सीखा
खुल कर ठहाके लगाने हों या किसी विषय पर राय रखनी हो, पहनावा हो या बातचीत का अंदाज, विद्या बालन के व्यक्तित्व में कहीं कोई फिल्टर नजर नहीं आता। हाल ही में उनकी फिल्म भूलभुलैया 3 रिलीज हुई है। पेश हैं उनसे हुई एक बातचीत के कुछ अंश।
बच्चों से डिजिटल रेप क्रूरता की नयी तस्वीर
बच्चों के साथ यौन शोषण की कई घटनाएं होती हैं, पिछले दिनों एक बच्ची के साथ डिजिटल रेप का मामला सामने आया। यह क्या होता है और पेरेंट्स को क्या करना चाहिए, जानिए एक्सपर्ट से-
सिर्फ एक गांठ का लहसुन
एक गांठ का लहसुन रोज खाली पेट पानी के साथ खाएं। कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।
करिश्माई केसर
विश्व का सबसे महंगा मसाला है केसर, लेकिन अपने बेमिसाल स्वाद, खूबसूरत रंगत और अदभुत गुणों की वजह से यह हर घर में मिल जाता है।
स्वाद की हरियाली पालक
आयरन और विटामिंस से भरपूर पालक को सभी पसंद करते हैं। लेकिन कई बार समझ नहीं आता कि इसे अलग-अलग तरह से कैसे बनाएं कि बच्चों-युवाओं को भी इसका स्वाद भाए। तो चलिए इस सरदी में ट्राई करें, कुछ आसानी से बनने वाली पालक की नयी रेसिपीज-
दमदार देसी घी
देसी घी खाने से जी ना चुराएं, पर कितना और कैसे खाएं कि देसी घी की पूरी पौष्टिकता का लाभ उठा सकें। एक्सपर्ट से घी पर कुछ सवाल-जवाब-
बेडरूम ट्रेंड्स
पुरसुकून नींद की खातिर सजाए जाते हैं ख्वाबों के आरामगाह! और ये कोशिशें तभी मुकम्मल हो सकेंगी, जब नए जमाने के तौर-तरीकों पर भी जरा गौर फरमाइएगा।
हल्की-फुल्की बुनाई
सरदियों में गुनगुनी धूप में बैठ कर सहेलियों के साथ निटिंग करने का आनंद ही कुछ और है। सच ! मन को खुश और रिलैक्स रखने का इससे बढ़िया और क्या जरिया हो सकता है भला। इस बार वनिता आपके लिए लायी है कुछ हल्के व हेवी डिजाइन के स्वेटर्स। अपनों को उपहार में दें या खुद पहनें, ये सभी पर सुंदर दिखेंगे।
Phubbing के शिकार ना बनें
फबिंग ऐसी आदत है, जो इमोशनल जरूरतों को इग्नोर करके रिलेशनशिप की क्वॉलिटी खराब कर सकती है। इससे कैसे बचें।
कैरिअर की बदलेगा तस्वीर AI
एआई दुश्मन नहीं दोस्त है। यह नौकरियां खाएगा नहीं, बल्कि दिलाएगा। भविष्य में कैरिअर का रूप कैसे बदलेगा एआई, इस पर एक नजर-