तनाव से शरीर के मेटाबॉलिज्म पर बुरा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि कॉर्टिसोल (cortisol) नाम के स्ट्रेस हारमोन के शरीर में ज्यादा बनने से भूख बढ़ती है और हमेशा खाने के लिए जीभ लपलपाती रहती है। यही आगे चल कर पेट पर चर्बी चढ़ने की वजह बनता है। युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के साइकोलॉजी विभाग द्वारा एक शोध कराया गया । एसिला एफिल शोध की मुख्य शोधकर्ता थीं, उनके मुताबिक, “शरीर में तनाव की वजह से जब स्ट्रेस हारमोन बढ़ता है, तो यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को भी असंतुलित कर देता है। ऐसे में, मीठा खाने और तला भुना खाने की इच्छा होती है।" जैसे सलाद और केले की जगह आप कुकीज, समोसे या आलू टिक्की खाना पसंद करेंगी। इसे 'कंफर्ट फूड' कहा जाता है। इसीलिए एक्स्ट्रा कैलोरी खाने पर वजन बढ़ता है। तनाव से सबसे ज्यादा पेट बढ़ता है। जिस महिला के पेट पर ज्यादा फैट जमा होता है, उनके मूड में काफी बदलाव देखा जाता है, तुनकमिजाज होती हैं। उनके जीवन में तनाव का स्तर काफी ऊंचा होता है। अगर महिला वर्किंग है, उसके घर में और ऑफिस में काफी तनाव है, तो शोध में पाया गया कि उसके शरीर का मध्य भाग यानि पेट का घेरा मोटा होता है। तनाव को ले कर एक अजीब सी समस्या भी देखी जाती है। खाने की इच्छा कम होने लगती है, लेकिन जबरदस्त तनाव की वजह से असमय भूख बढ़ने लगती है। इसीलिए डाइटिंग से ज्यादा जरूरी है अपने स्ट्रेस कंट्रोल के उपाय करें। सही और हेल्दी खाना आपको एक्टिव रखेगा। लेकिन रिलैक्स रहने पर कॉर्टिसोल हारमोन अपने ठिकाने पर रहेगा। जितना ज्यादा आप अपने काम में रिलैक्स रहने पर फोकस करेंगी, उतनी ही जल्दी आप मोटापे से दूर हो पाएंगी।
जरूरत से ज्यादा तनाव की वजह से सिर दर्द, मांसपेशियों में तनाव, पाचन की गड़बड़ी, नींद में खलल और डिप्रेशन होता है। लेकिन नयी रिसर्च बताती हैं कि यह मेटाबॉलिज्म पर भी बुरा प्रभाव डालता है। तनाव को कम करने के लिए और इंस्टेंट रिजल्ट पाने के लिए एक्सरसाइज करें। लेकिन जरूरत से ज्यादा ऐसा ना करें।
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