वेट मैनेजमेंट में नियमित शारीरिक गतिविधियां, हेल्दी ईटिंग हैबिट्स और लाइफस्टाइल बदलाव शामिल हैं। हेल्दी वेट जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है, इसमें कुछ भी इंस्टेंट या फास्ट नहीं होता। हेल्दी बॉडी वेट के लिए कैलोरीज (लेने और बर्न करने) के बीच सही संतुलन बनाना होगा। शारीरिक रूप से जितने सक्रिय रहेंगे, उतनी ही कैलोरीज बर्न होंगी। हालांकि हर किसी पर समान फार्मूला काम नहीं करता। खास डाइट या वर्कआउट से किसी को बेहतर नतीजे मिल सकते हैं तो दूसरे को अच्छे नतीजे नहीं मिल पाते। इसकी वजह यह है कि हर किसी की शारीरिक स्थिति भिन्न होती है। हार्ट, लंग जैसी बीमारियों, आर्द्राइटिस या किसी मैस्कुस्केलेटल (मांसपेशियों एवं हड्डियों) जैसी कई समस्याओं में बिना एक्सपर्ट की सलाह के कोई भी व्यायाम करने की सलाह नहीं दी जाती। शुरुआत मॉडरेट एक्सरसाइज से होनी चाहिए ताकि दिल व हड्डियों के जोड़ों पर अनावश्यक दबाव ना पड़े। अगर शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द या दबाव महसूस हो, एक्सरसाइज करते हुए सांस फूल रही हो या सांस लेने में कठिनाई हो तो व्यायाम तुरंत रोक देना चाहिए।
फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज, दिल्ली में फिजियोथेरैपी एंड रिहेबिलिटेशन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अमित मनचंदा कहते हैं, "बॉडी वेट को मेंटेन करने के लिए कार्डियोवैस्कुलर या ऐरोबिक व्यायाम किए जा सकते हैं और रेजिस्टेंट ट्रेनिंग भी सहायक होती है। इन दोनों का मेल हेल्दी वेट के लिए जरूरी है। ऐसे व्यायाम चुनें, जो बोरिंग ना हों और जिनसे प्रसन्नता मिले, क्योंकि लंबे समय तक व्यायाम करना है तो उसमें दिलचस्पी बनी रहनी चाहिए, तभी वेटलॉस में मदद मिलेगी।" यहां कुछ व्यायाम दिए जा रहे हैं, जिनसे आपको वेट मैनेजमेंट में काफी मदद मिल सकती है-
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