साल 2024 में देश 78वां आजादी का महोत्सव मना रहा है। इस बड़े से आजाद देश में अभी भी आजादी के लिए कई लोग बहुत सी छोटी-मोटी निजी लड़ाइयां लड़ रहे हैं। आजादी और स्वतंत्रता का फर्क शायद सिर्फ वही युवा बता सकते हैं, जिन्हें आज भी महसूस होता है कि जिंदगी के फैसले लेने के लिए वे स्वतंत्र नहीं हैं। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या शादी करने के बाद किसी लड़की के लिए आजादी का मतलब अलग है और वह अलग-अलग चीजों से आजादी चाहती हैं। स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ देश की स्वतंत्रता से नहीं है। दो प्रेम करने वाले प्रेमियों के लिए शादी से पहले लिव-इन में साथ रहने की सामाजिक स्वतंत्रता, बहुत सी महिलाएं कमा रही हैं, आत्मनिर्भर हैं, लेकिन वे अपनी कमाई को खर्च करने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। देश की इतनी तरक्की के बाद आज बच्चे कहीं भी पढ़ने जा सकते हैं, लेकिन आज भी वे स्वतंत्र नहीं महसूस करते। उनके लिए पसंद का कोर्स चुनने के लिए घर पर सबको समझाना आसान नहीं होता है।
मदद कर पाना ही आजादी है
कार्तिक वी. नायर, 18 साल
Denne historien er fra August 2024-utgaven av Vanitha Hindi.
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