गमे रोजगार ने थकाया बहुत या रब,
चलो अब घर चलें थोड़ा सुकूं पा लें...
आज दुनिया क्लाइमेट चेंज, प्राकृतिक आपदाओं, नए-नए वायरस-बैक्टीरिया के बीच कराह रही है। दूसरी ओर टेक्नोलॉजी और एआई का प्रभाव इंटीरियर पर खूब देखने को मिल रहा है। ऐसे में घर को सजाने-संवारने के तौर-तरीकों में भी बदलाव आया है। शायद यही वजह है कि इंटीरियर में भी नेचर इंस्पायर्ड डेकोर, इको फ्रेंडली होम, सस्टेनेबिलिटी, एनर्जी एफिशिएंसी और मिनिमलिज्म की बातें हो रही हैं। आर्किटेक्ट रिद्धिमा सिंह कहती हैं कि आर्किटेक्चर में आने वाले समय में सबसे ज्यादा तवज्जो सस्टेनेबिलिटी और इको-कॉन्शस डिजाइंस पर ही दी जाएगी। सस्टेनेबल मटीरियल्स, एनर्जी एफिशिएंट सॉल्यूशंस और ग्रीन प्रैक्टिस को आगे ले जाना जरूरी है।
मिनिमलिस्टिक एलिगेंस
स्लीक डिजाइंस की डिमांड हाल के वर्षों में खूब बढ़ी है। मिलेनियल्स का पूरा दृष्टिकोण ही मिनिमलिस्टिक है। ऐसे में वे घर में भी मिनिमल क्लटर, स्लीक और स्ट्रेट लाइंस देखना पसंद कर रहे हैं। न्यूट्रल पैलेट्स में न्यूट्रल टोन्स के साथ वाइट, बेज और ग्रे जैसे शेड्स ट्रेंड कर रहे हैं। कोविड के बाद से वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड ऑफिस कल्चर बढ़ा है, इसलिए होम ऑफिस सेटअप किया जा रहा है, लेकिन यहां भी स्लीक और मल्टीपर्पज फर्नीचर को प्रमुखता दी जा रही है। अब दिखावे की जगह फंक्शनैलिटी ने ले ली है। लोग इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि घर के हर स्पेस का सही और प्रैक्टिकल ढंग से उपयोग हो।
रेट्रो स्टाइल
विंटेज और मिड सेंचुरी डिजाइंस, ऑब्जेक्ट्स, फर्नीचर, एक्सेसरीज और आर्टवर्क लोग इन दिनों पसंद कर रहे हैं। वे अपने रूट्स की कुछ यादगार चीजें संजोना चाहते हैं या एक नॉस्टैल्जिक नजरिया उन्हें अपनी विरासत से जोड़ रहा है। इंटीरियर डिजाइनर नताशा कहती हैं कि एक ओर स्लीक फर्नीचर और बोल्ड कलर्स का चलन बढ़ा है तो दूसरी ओर रग्स, वॉल पेपर और टेक्सटाइल में जियोमेट्रिक डिजाइंस आ रहे हैं। नयी जेनरेशन अतीत की खास डिजाइन टेकनीक्स को अपने होम डेकोर में जोड़ना चाहती है।
डोपामाइन डीज
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