ऑपरेशन Z लाइव
'यह युग युद्ध का नहीं है', फिर भी रूस-यूक्रेन युद्ध को पूरा एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक हार-जीत का फैसला नहीं हो पाया है। हार-जीत तो दूर, यह भी तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि जंग में पलड़ा किसका भारी है, सुपरपावर रूस का या अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों की मदद ले रहे यूक्रेन का? दोनों देश यानी रूस और यूक्रेन लड़ाई को लेकर रोजाना अपने-अपने दावे जरूर पेश करते रहते हैं। प्रतिदिन दोनों देशों की सेनाएँ, राष्ट्राध्यक्ष और विदेशी खुफिया एजेंसियाँ आँकड़े और विश्लेषण करती हैं। फिर भी ऐसा लगता है कि सब सच्चाई से कोसों दूर हैं।
एक नजर अगर उन आँकड़ों पर डालें, जो रूस और यूक्रेन रोजाना जारी करते हैं तो आँखें फटी-की- फटी रह जाती हैं। रूस का रक्षा मंत्रालय, जो आँकड़े अब तक युद्ध के बारे में जारी कर चुका है, यानी 24 फरवरी, 2022 के बाद से, उसके मुताबिक यूक्रेन के 411 विमान (लड़ाकू विमान इत्यादि), 228 हेलीकॉप्टर, 3,849 यू.ए.वी. (ड्रोन), 415 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, 8,849 टैंक और व्हीकल्स, 1,094 मल्टीपल रॉकेट लॉञ्चर, 4,655 फील्ड गन (तोप) और मोर्टार तथा 9,762 स्पेशल मिलिटरी व्हीकल तबाह किए जा चुके हैं और यह आँकड़ा रोज बढ़ता ही जा रहा है। रोजाना रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल ईगोर कोनाशेनकोव मीडिया को (वीडियो) संदेश जारी करते हैं और बताते हैं कि आज कितने यूक्रेनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा गया। यूक्रेन के मिलिटरी इंफ्रास्ट्रक्चर को कितना नुकसान पहुँचाया गया।
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