यह आलू बोआई मशीन तेजी के साथ काम करती है. साथ ही, सही गहराई और सही दूरी पर आलू बीज खेत में गिरता है, जिस से पैदावार भी अच्छी होती है. पूरी तरह औटोमैटिक पोटैटो प्लांटर से खाद व बीज दोनों एकसाथ ही खेत में गिरते हैं.
पोटैटो प्लांटर 2 तरह के आते हैं. एक, पूरी तरह से औटोमैटिक पोटैटो प्लांटर व दूसरा, हस्तचलित मैनुअल पोटैटो प्लांटर.
औटोमैटिक पोटैटो प्लांटर
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है. यह पूरी तरह औटोमैटिक मशीन है. इस यंत्र को 30 से 35 या अधिक हौर्सपावर के ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है. इस यंत्र के ऊपरी हिस्से में 2 बौक्स लगे होते हैं, जिस में एक बौक्स में आलू बीज व दूसरे बौक्स में उवर्रक भरा जाता है.
औटोमैटिक आलू प्लांटर में केवल ट्रैक्टर पर बैठा शख्स ही इसे नियंत्रित करता है. इस मशीन में भी वही सब काम होते हैं, जो सैमीऔटोमैटिक यंत्र में होते हैं. इस की खूबी यही है कि इस में आलू खुदबखुद बोआई के लिए गिरते चले जाते हैं और खेत में बोआई होती जाती है. साथ ही, मेंड़ भी बनती जाती है.
सैमी औटोमैटिक पोटैटो प्लांटर
इस यंत्र की तकनीक भी लगभग वही होती है. केवल इतना फर्क है कि इस में आलू का बीज खुद से न गिर कर हाथ से ही यंत्र में डालना होता है. सैमीऔटोमैटिक प्लांटर में आलू का बीज भरने के लिए एक बड़ा बौक्स लगा होता है. इस में आलू का बीज भर लिया जाता है और उसी के साथ नीचे की ओर घूमने वाली डिस्क लगी होती है, जो 2-3 या 4 भी हो सकती हैं.
Denne historien er fra October-I 2022-utgaven av Farm and Food.
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उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
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