अपच दुधारू पशुओं में होने वाली एक ऐसी समस्या है, जो दुग्ध उत्पादन को कम कर पशुपालकों को माली नुकसान पहुंचाती है. गायों का प्रमुख पाचन अंग रूमेन है, जहां घास, भूसा, हरा चारा व दाना का माइक्रोबियल गतिविधि के कारण संशोधन होता है.
अपच की स्थिति में अधिक मात्रा में बिना पचा हुआ भोजन रूमेन में जमा हो जाता है, जिस के कारण रूमेन के काम करने की क्षमता और वहां उपस्थित सूक्ष्म जीवाणु भी प्रभावित होते हैं. जब रूमेन सही तरीके से काम नहीं कर पाता है, तो जानवरों में इस के कारण अनेक तरीकों की समस्याएं जैसे हाजमा खराब होना, अफरा आदि उत्पन्न करती हैं. नतीजतन, उत्पादन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है.
अपच की समस्या सीधे डेरी फार्म की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है, इसलिए दुधारू पशुओं की सामान्य शारीरिक क्रिया व उत्पादन क्षमता में तालमेल बनाए रखने के लिए उन के भोजन व प्रबंधन में पर्याप्त ध्यान देने की जरूरत होती है.
अपच के मुख्य कारण प्रबंधन
खाने में अधिक मात्रा में दाना देने से पशुओं में अपच की समस्या आती है. कम गुणवत्ता वाला चारा खिलाना या अधिक मात्रा में दलहनी हरा चारा व नई पत्ती वाला हरा चारा खिलाना.
खाद्यान्न के प्रकार में अचानक ही परिवर्तन होना.
वातावरणीय कारण
गरम वातावरण : अधिक तापमान का होना भी अपच का मुख्य कारण होता है.
नम हरा चारा : इस तरह का चारा मुख्यतः मानसून के समय मिलता है, जो पशुओं को खिलाने से उन में अपच की समस्या पैदा होती है.
पशुकारक कारण
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फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
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लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
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