रागी का रोटी, डोसा और खिचड़ी के रूप में भी सेवन किया जाता है. इस के मिश्रित आटे का ब्रैड बनाने में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. रागी में मेथियोनाइन अमीनो अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इस के पत्ते, रेशे के साथसाथ अन्य खनिज विशेषकर कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. यह गर्भवती एवं स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है.
वास्तव में अधिकांश अनाजों में कैल्शियम 100 ग्राम पाया जाता है, जबकि रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. रागी में कैल्शियम की मात्रा उच्च होने के कारण इस का सेवन बढ़ते बच्चों एवं वृद्धों में हड्डियों को मजबूती देता है. इस का सेवन आस्टियोपोरोसिस से होने वाले अस्थि भंग को कम करने में सहायता मिलती है. इस के अलावा रागी में पाए जाने वाले पाचनशील कार्बोहाइड्रेट और फिनोलक्स मधुमेह के खतरे को कम करने व आंख में स्वास्थ्य सुधार में भी लाभकारी होते हैं.
छोटे शिशुओं को विशेषकर 2 वर्ष के छोटे पारंपरिक तौर पर रागी की लप्सी बना कर खिलाई जाती है. मधुमेह के रोगियों के लिए यह ज्यादा लाभदायक होता है. इस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट नींद की परेशानी और डिप्रैशन से निकलने में भी मदद करते हैं.
खेत की तैयारी
रागी की रोपाई के लिए भुरभुरी मिट्टी को अच्छा माना जाता है, क्योंकि भुरभुरी मिट्टी में इस के बीजों का अंकुरण अच्छे से होता है. रागी की खेती के लिए शुरुआत में खेत की तैयारी के दौरान खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को नष्ट कर खेत की मिट्टी पलटने वाले हलों से गहरी जुताई कर दें. उस के बाद कुछ दिन खेत को खुला छोड़ दें, ताकि धूप से मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीट नष्ट हो जाएं.
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स्वाद का खजाना आम कलाकंद
आम को यों ही फलों का राजा नहीं कहा जाता है, बल्कि इस की खूबियां और अलगअलग तरह के रंग, रूप और लाजवाब जायका इसे फलों के राजा का खिताब दिलाता है.
राजस्थान की रेत में बागबानी से लखपति बनी महिला किसान संतोष देवी
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जून महीने में खेतीकिसानी के काम
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'नवोन्मेषी किसान सम्मेलन' का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली
धान की खेती में महिलाओं के लिए सस्ते सुलभ कृषि यंत्र
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खेती के विकास में स्मार्ट तकनीक
स्मार्ट खेती, वैज्ञानिक भाषा में परिशुद्ध या सटीक कृषि या प्रिसिजन फार्मिंग कहलाती है, जिस में उत्पादन क्षमता और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मौजूद कृषि पद्धतियों में उन्नत प्रौद्योगिकियों का एकीकरण किया जाता है. अतिरिक्त लाभ के रूप में किसानों के भारी श्रम और ज्यादा मेहनत वाले कामों को कम कर के उन के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है.
बांस एक फायदे अनेक
बांस की बांसुरी से तो हम सब ही परिचित हैं. बांस को लोग आमतौर पर लकड़ी मान लेते हैं. बांस एक तरह की विशेष घास है. आज यह मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है.
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भारत में मूंगफली के उत्पादन का तकरीबन 75 से 85 फीसदी हिस्सा तेल के रूप में इस्तेमाल होता है. खरीफ और जायद दोनों मौसमों में इस की खेती की जाती है. जायद के समय जहां पर ज्यादा बारिश होती है, वहां पर भी मूंगफली की खेती की जा सकती है. इस के लिए शुष्क जलवायु की जरूरत होती है.
पावर टिलर: खेती के करे कई काम
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