खेती के साथ ही साथ किसान खेती से जुड़े कुछ अन्य व्यवसाय अपना कर अच्छाखासा मुनाफा कमा कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं. कई व्यवसाय तो ऐसे हैं, जिन में लागत भी कम आती है और मुनाफा काफी अच्छा होता है.
आइए हम आप को इन व्यवसाय के बारे में जानकारी दें, जिस से कि आप अपनी खेतीकिसानी के साथसाथ कृषि विविधीकरण को अपनाते हुए इन कृषि व्यवसाय को सहायक व्यवसाय के रूप में अपना सकें.
मछलीपालन करें
मछलीपालन व्यवसाय से भी अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है. बाजार में मछली के मांस तेल की बहुत मांग है. मछलीपालन बिजनैस में कम खर्च पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.
यदि आप के खेत में तालाब है, तो आप इसे वहां शुरू कर सकते हैं. आप घर पर टैंक में भी मछलीपालन का काम शुरू कर सकते हैं. मछलीपालन बिजनैस में काफी संभावनाएं हैं. सरकार की ओर से भी मछलीपालन व्यवसाय को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
बैंकों के माध्यम से सरकार मछलीपालकों को भी क्रेडिट कार्ड दे रही है. क्रेडिट कार्ड के जरीए मछलीपालक किसान 1.60 लाख रुपए का लोन बिना गारंटी के ले सकते हैं, वहीं क्रेडिट कार्ड से अधिकतम 3 लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता है.
पशुपालन करें
किसान खेती के साथसाथ पशुपालन कर के भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. किसान गाय या भैंस पाल कर के डेरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. इस में अच्छी प्रजाति की गाय और भैंस का चयन करना चाहिए. यह व्यवसाय 2 गाय या 2 भैंसों से शुरू किया जा सकता है.
अगर आप बड़े लैवल पर डेरी का बिजनैस करते हैं, तो इस के लिए लोन दिया जाता है. सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी दिया जाता है, वहीं कई सरकारी व गैरसरकारी संस्थाएं डेरी उद्योग के लिए 10 लाख रुपए तक की लोन सुविधा उपलब्ध कराती है.
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अगस्त महीने के खेती के काम
अगस्त के महीने में बरसाती मौसम का आखिरी दौर चल रहा होता है और देश के अनेक हिस्सों में धान की खेती बरसात के भरोसे ही की जाती है. बरसात के दिनों में फसल में कीट, रोगों व खरपतवारों का भी अधिक प्रकोप होता है, इसलिए समय रहते उन की रोकथाम भी जरूरी है.
बागबानी के लिए आम की विदेशी रंगीन किस्में
आम उत्पादन के मामले में भारत दुनियाभर में पहले स्थान पर है. इस की एक खास वजह यह है कि भारतीय आम अपने आ स्वाद, रंग, बनावट और गुणवत्ता के मामले में किसी को भी अपना मुरीद बना लेता है.
हेलदी की उन्नत खेती बढाए आमदनी
हलदी का प्रयोग न केवल मसाले के रूप में खाने के लिए होता है, बल्कि सौंदर्य प्रसाधनों और औषधियों के लिए भी होता है. हलदी को एक बेहतर एंटीबायोटिक माना गया है, जो शरीर में रोग से लड़ने की कूवत को बढ़ाने में मदद करता है.
पोपलर उगाएं ज्यादा कमाएं
पोपलर कम समय में तेजी से चढ़ने वाला पेड़ है. इस की अच्छी नस्लें तकरीबन 5 से पा 8 साल में तैयार हो जाती हैं. पोपलर की पौध एक साल में तकरीबन 3 से 5 मीटर तक ऊंची हो जाती है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में इन को देखा जा सकता है.
टिंगरी मशरूम से बनाएं स्वादिष्ठ अचार
हमारे यहां की रसोई में अचार अपना एक अलग ही स्थान रखता है. यह हमारे भोजन को और भी लजीज व स्वादिष्ठ बनाता है. भारतीय रसोई में ह मशरूम भी अहम स्थान रखते हैं. मशरूम का अचार इसे और भी अधिक लजीज और रुचिकर बना देता है. इस का स्वाद और खुशबू हर किसी को मोहित कर देती है.
तालाबों में जल संरक्षण के साथ हों मखाने की खेती
दुनिया का 90 फीसदी मखाना भारत में होता है और अकेले बिहार में इस का उत्पादन 85 फीसदी से अधिक होता है. इस के अलावा देश के उत्तरपूर्वी इलाकों में भी इस की खेती आसानी से की जा सकती है. यहां पर जो तालाब हैं, उन में पानी भर कर मखाने की खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिस से किसानों को फायदा होगा. साथ ही, जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
पालक की उन्नत खेती
पत्तेदार सब्जियों में सर्वाधिक खेती पालक की होती है. यह एक ऐसी फसल है, जो कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है. पालक की बोआई एक बार करने के बाद उस की 5-6 बार कटाई संभव है. इस की फसल में कीट व बीमारियों का प्रकोप कम पाया जाता है.
कम खेती में कैसे करें अधिक कमाई
अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए किसानों को अपनी मानसिकता में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए बदलाव लाना होगा. खेती के अलावा किसानों को उद्यानिक फसलों की ओर भी ध्यान देना होगा.
खेत हो रहे बांझ इस का असल जिम्मेदार कौन?
अपने देश में पिछले 5 सालों में विभिन्न कारणों से किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं, पर आज हम न तो आंदोलनों की बात करेंगे और न ही किसी सरकार पर कोई आरोप लगाएंगे. हम यहां भारतीय खेती की वर्तमान दशा व दिशा का एक निष्पक्ष आकलन करने की कोशिश करेंगे.
बजट 2024 : किसानों के साथ एक बार फिर 'छलावा'
भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2024-25 खासतौर पर 2 माने में अभूतपूर्व रहा. पहला तो यह कि देश के इतिहास में पहली बार किसी वित्त मंत्री ने 7वीं बार बजट पेश किया है. हालांकि इस रिकौर्ड के बनने से देश का क्या भला होने वाला है, पर इकोनॉमी पर क्या प्रभाव पड़ना है, यह अभी भी शोधकर्ताओं के शोध का विषय है. दूसरा यह कि कृषि की वर्तमान आवश्यकता के मद्देनजर इस बजट में देश की खेती और किसानों के लिए ऐतिहासिक रूप से अपर्याप्त न्यूनतम राशि का प्रावधान किया गया है.