यह किस्म 139 दिनों में पक जाती है. साथ ही, इस के बीजों में तेल की मात्रा 40.5 फीसदी होती है. सरसों की दूसरी किस्म आरएच 1706 में 2.0 फीसदी से कम इरुसिक एसिड होने के साथ इस के तेल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिस का उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को लाभ होगा.
यह किस्म पकने में 140 दिन का समय लेती है और इस की औसत बीज उपज 27 क्विंटल हेक्टेयर है. इस के बीजों में 38 फीसदी तेल की मात्रा होती है.
Denne historien er fra October 2024-utgaven av Farm and Food.
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नई तकनीक से किसानों की आमदनी बढ़ा रही हैं डा. पूजा गौड़
डा. पूजा गौड़ शिक्षा से स्वावलंबन और स्वावलंबन से माली समृद्धि के लिए जौनसार इलाके के किसानों और युवाओं को खेतीबारी के प्रति जागरूक कर रही हैं. हाल ही में उन्हें उन के किए जा रहे प्रयासों के लिए लखनऊ में दिल्ली प्रैस द्वारा आयोजित 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड 2024' से सम्मानित किया गया.
पशुओं में गर्भाधान
गोवंशीय पशुओं का बारबार गरमी में आना और स्वस्थ व प्रजनन योग्य नर पशु से गर्भाधान या फिर कृत्रिम गर्भाधान सही समय पर कराने पर भी मादा पशु द्वारा गर्भधारण न करने की अवस्था को 'रिपीट ब्रीडिंग' कहते हैं.
पशुओं के लिए बरसीम एक पौष्टिक दलहनी चारा
बरसीम हरे चारे की एक आदर्श फसल है. यह खेत को अधिक उपजाऊ बनाती है. इसे भूसे के साथ मिला कर खिलाने से पशु के निर्वाहक एवं उत्पादन दोनों प्रकार के आहारों में प्रयोग किया जा सकता है.
औषधीय व खुशबूदार पौधों की जैविक खेती
शुरू से ही इनसान दूसरे जीवों की तरह पौधों का इस्तेमाल खाने व औषधि के रूप में करता चला आ रहा है. आज भी ज्यादातर औषधियां जंगलों से उन के प्राकृतिक उत्पादन क्षेत्र से ही लाई जा रही हैं. इस की एक मुख्य वजह तो उनका आसानी से मिलना है. वहीं दूसरी वजह यह है कि जंगल के प्राकृतिक वातावरण में उगने की वजह से इन पौधों की क्वालिटी अच्छी और गुणवत्ता वाली होती है.
दुधारू पशुओं की प्रमुख बीमारियां और उन का उपचार
पशुपालकों को पशुओं की प्रमुख बीमारियों के बारे में जानना बेहद जरूरी है, ताकि उचित समय पर सही कदम उठा कर अपना माली नुकसान होने से बचा जा सके. कुछ बीमारियां तो एक पशु से दूसरे पशु को लग जाती हैं, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है.
एक ऐसा गांव जहां हर घर में हैं दुधारू पशु
मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित विश्वविद्यालय की घाटी पर बसा गांव रैयतवारी भैंसपालन और दूध उत्पादन के लिए जाना जाता है. दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कलक्टर संदीप जीआर के मार्गदर्शन में संचालित मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
रबी की सब्जियों में जैविक कीट प्रबंधन
रबी की सब्जियों में मुख्य रूप से वर्गीय में फूलगोभी, पत्तागोभी, सोलेनेसीवर्गीय में गांठगोभी, टमाटर, बैगन, मिर्च, आलू, पत्तावर्गीय में धनिया, मेथी, सोया, पालक, जड़वर्गीय में मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर एवं मसाला में लहसुन, प्याज आदि की खेती की जाती है.
कृषि विविधीकरण : आमदनी का मजबूत जरीया
किसानों को खेती में विविधीकरण अपनाना चाहिए, जिससे कि वे टिकाऊ खेती, औद्यानिकीकरण, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय के साथ ही मधुमक्खीपालन, मुरगीपालन सहित अन्य लाभदायी उद्यम को करते हुए अपने परिवार की आय को बढ़ाने के साथसाथ स्वरोजगार भी कर सकें.
जनवरी में खेती के काम
जनवरी में गेहूं के खेतों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. इस दौरान तकरीबन 3 हफ्ते के अंतराल पर गेहूं के खेतों की सिंचाई करते रहें. गेहूं के खेतों में अगर खरपतवार या दूसरे फालतू पौधे पनपते नजर आएं, तो उन्हें फौरन उखाड़ दें.
जल संसाधनों के अधिक दोहन को रोकना जरूरी
बायोसैंसर जैसी आधुनिक तकनीक का जल संसाधनों में बेहतर उपयोग किया जा सकता है. मक्का की फसल धान वाले खेतों में पानी बचाने के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है.