इस मौके पर अवार्ड ग्रहण करने वाले किसानों की कहानियों को वीडियो डाक्यूमैंट्री के जरीए अवार्ड सैरेमनी में वहां मौजूद दूसरे किसानों और अतिथियों के सामने पेश किया गया.
इस अवार्ड सैरेमनी में अतिथियों ने किसानों को स्मृतिचिह्न, सर्टिफिकेट और गिफ्ट प्रदान किए. इस मौके पर अवार्डी किसानों के साथ उन के परिजन भी मौजूद रहे.
महिला किसानों ने बढ़ाया हौसला
'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' देश का एकमात्र ऐसा अवार्ड है, जिस में दिनरात खेतों, बागों और डेयरी में काम करने वाली महिलाओं को किसान के रूप में पहचान कर उन्हें न केवल अवार्ड से नवाजने का काम किया गया, बल्कि उन के प्रयासों को भी देश के सामने लाया गया.
इस अवार्ड समारोह में उत्तराखंड से डाक्टर पूजा गौड़ को 'बैस्ट फार्मर अवार्ड इन मार्केटिंग', पुष्पा नेगी को 'बैस्ट डेयरी ऐंड एनिमल कीपर अवार्ड' और डाक्टर हिरेशा वर्मा को 'बैस्ट फीमेल फार्मर' अवार्ड से नवाजा गया, वहीं उत्तर प्रदेश से पुष्पा गौतम को 'बैस्ट फार्मर अवार्ड इन मार्केटिंग', मिलन शर्मा को 'बैस्ट डेयरी ऐंड एनिमल कीपर अवार्ड', शुभावरी चौहान को 'यंग फीमेल फार्मर', साधना सिंह को 'बैस्ट डेयरी ऐंड एनिमल कीपर अवार्ड', इंदु सिंह को 'बैस्ट फीमेल फार्मर अवार्ड' और वंदना सिंह को भी 'बैस्ट फीमेल फार्मर अवार्ड' से नवाजा गया.
40 अवार्डी किसानों में 9 महिला किसान शामिल रहीं, जिन में से कुछ महिला किसानों का कारोबार सालाना करोड़ों रुपए में होता है.
कार्यकारी प्रकाशक ने किया स्वागत
दिल्ली प्रैस के कार्यकारी प्रकाशक अनंत नाथ की अगुआई और मार्गदर्शन में 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. इस मौके पर उन्होंने सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ दे कर उन का स्वागत किया.
दिल्ली प्रैस के कार्यकारी प्रकाशक अनंत नाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से विभिन्न 13 श्रेणियों में नामांकित 40 से अधिक किसानों और कृषि विज्ञान केंद्रों को कृषि जगत में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है.
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फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?