दिवाली को बनाएं 'ईको फ्रेंडली'
Sadhana Path|October 2022
दिवाली के इस त्योहार को धूम-धाम से मनाने व धन और धान्य की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के नाम पर हजारों रुपये फूंक दिए जाते हैं।
दिवाली को बनाएं 'ईको फ्रेंडली'

जरा सोचिये क्या बेइंतिहा प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को जलाना, एक दिन की सजावट के लिये बेकार की चीजों को खरीदना, बाजार की मिलावटी मिठाईयों को खरीद कर खाना व बेकार की चीजों की खरीददारी करना ही दिवाली सेलिब्रेट करना है? क्या इन सबके बिना दीपोत्सव व भाईचारे का यह त्योहार नहीं मनाया जा सकता है? बिल्कुल मनाया जा सकता है। बस इसके लिये जरूरत है कुछ है समझदारी दिखाने की। तो इस बार हमारे द्वारा बताई गई कुछ बातों को अपनाइए और अपनों के संग मिलकर मनाइए ईको फ्रेंडली दिवाली। वो कैसे आईये जाने-

मिट्टी के दीये जलाएं

दिवाली दीपों का त्योहार है पर आज दिवाली में दीपों का स्थान नाम के लिए रह गया है। रंगीन डिजाइनर लाइट्स इनकी जगह ले चुकी हैं। जो देखने में सुंदर तो लगती हैं पर कहीं न कहीं हमारे पर्यावरण को प्रभावित करती हैं। इस बार दिवाली पर घर-बाहर रोशनी करने के लिये पारंपरिक तरीके अपनाते हुए मिट्टी के दिये जलायें। ऐसा करने से कई फायदे होंगे एक तो बिजली बर्बाद नहीं होगी और दूसरा दीयों की रोशनी में आपका घर बेहद खूबसूरत भी लगेगा। जिससे आस-पास की नेगेटिव एनर्जी समाप्त होने के साथ-साथ वातावरण भी शुद्ध होगा। मिट्टी के दिये का आप दुबारा भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा इसकी खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए अर्थ फ्रेंडली मटेरियल यानी की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। 

बहुत ही कम तेल में जलने वाले यह दीये चार से पांच घंटो तक बिना बुझे आपके घर को रोशनी से जगमाए रखेंगे। मिट्टी के दीये जलाकर आप अपनी परंपरा को ही जिंदा नहीं रखेंगे बल्कि लक्ष्मी को खुश करने के नाम पर बिजली के अति उपयोग ना करके आप इस दिवाली को ग्रीन दिवाली बनाने की तरफ अपने कदम भी बढ़ायेंगे।

आर्गेनिक गिफ्ट्स दें 

Denne historien er fra October 2022-utgaven av Sadhana Path.

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