पंच पर्वों का महापर्व दीपावली
Sadhana Path|October 2022
दीपावली यानी आनन्द और उल्लास का उत्सव तथा प्रकाश का पर्व। दीपावली का पर्व धन प्राप्ति अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है लेकिन दीपावली का महान पर्व अकेले ही नहीं आता है, इसके साथ ही आते हैं पांच महान पर्व, जिन्हें हम पंचपर्व के रूप में मनाते हैं। इन पंच पर्वों का हिन्दू धर्म में महत्त्व जानें इस लेख से।
विजय शर्मा
पंच पर्वों का महापर्व दीपावली

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है। दीपावली के साथ पांच पर्व जुड़े होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

1. धन-त्रयोदशी

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। इस दिन व्यापारीगण अपना हिसाब-किताब समाप्त करते हैं वहीं बही-खाता तथा रोकड़ एकत्र कर उनकी पूजा करते हैं। संसार के रोगार्त प्राणियों के लिए अमृत कलश लिए हुए समुद्र मंथन से उत्पन्न होने वाले धन्वन्तरि ने संसार में आयुर्वेद विद्या का प्रसार कर जो महान उपकार किया है। वह किसी से छिपा नहीं है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को आरोग्य के देव धनवंतरि की आराधना की जाती है, इस दिन को साधारण जनता धनतेरस के नाम से जानती है। धन्वन्तरि द्वारा बताया गया यह रहस्य हमें गांठ बांध लेना चाहिए कि-

यस्य देशस्य यो जन्तुस्तज्जं

तस्यौषधं हितम्। 

अर्थात् जो पुरुष जिस देश में उत्पन्न हुआ है उस देश की भूमि में उत्पन्न जड़ी बूटियों से निर्मित औषधि ही उसके लिए वस्तुतः लाभकारी हो सकती है। इस दिन प्रदोष काल में यम के लिए दीपदान एवं नेवैद्य समर्पित करने से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। धरतेरस के दिन सोना-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने की भी प्रथा है। ऐसा माना जाता है कि चांदी चंद्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है।

2. नरक-चतुर्दशी 

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के नाम से पुकारा जाता है। आज के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक अत्याचारी शासक का वध करके संसार को भीतिमुक्त किया था, इस विजय की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है, ऐसा पुराणों में उल्लेख मिलता है।

नरक चतुर्दशी कथा

Denne historien er fra October 2022-utgaven av Sadhana Path.

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