बचपन का मोटापा सिर्फ सुंदरता की समस्या नहीं है, बल्कि उम्र से पहले कई प्रकार की बिमारियों की जड़ भी है, इसलिए इसके प्रति हर माता-पिता को समय से सतर्क हो जाना चाहिए।
अंशु का बढ़ता मोटापा जहां दोस्तों के बीच हंसी का विषय है, वहीं उसकी मां के लिए गर्व वाली बात है। जब भी कोई अंशु के मोटापे को लेकर कुछ बोलता है तो उनका एक ही जवाब होता है कि अरे, मेरा लाल जब तक खाएगा-पिएगा नहीं, तो उसकी सेहत कैसे बनेगी और जल्दी बड़ा कैसे होगा। उनकी इस तरह की बातें उन्हीं तक ही सीमित रह जाती हैं, पर कभी उन्होंने यह नहीं सोचा कि अच्छा खानपान और फैलता शरीर उनके लाडले की सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह परेशानी सिर्फ अंशु की नहीं है, बल्कि हर माता-पिता को इस समस्या से कभी-कभी दो-चार होना पड़ता है। क्योंकि मौजूदा वक्त में लोगों की जीवनशैली में बदलाव के साथ मोटापा के मामलों की संख्या बढ़ रही है और बच्चों के बीच मोटापा बढ़ने की दर खासतौर पर चौंकाने वाली है। 'मोटापा 30 प्रतिशत से अधिक बच्चों को प्रभावित करता है, जिससे कम उम्र में ही बच्चे मधुमेह, डिप्रेशन, हाइपरटेंशन जैसी आदि बिमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।'
बचपन में मोटापे के कारण
1. युवाओं के मोटापे की भांति बचपन के मोटापे के अनेक कारण होते हैं, जिसका आधार प्राप्त होने वाली ऊर्जा (भोजन से मिलने वाली कैलोरी) और बाहर निकलने वाली ऊर्जा (निर्धारित उपापचय दर और शारीरिक क्रियाओं में खर्च होने वाली कैलोरियों) के बीच असंतुलन होता है। बचपन का मोटापा ज्यादातर पोषण, मनोवैज्ञानिक, पारिवारिक और शारीरिक कारणों की परस्पर क्रिया का नतीजा होता है।
2. मोटा होने का खतरा उन बच्चों के बीच सबसे ज्यादा होता है, जिनके माता-पिता मोटे होते हैं। यह आनुवांशिक गुणों के कारणों या खाने-पीने और कसरत न करने की माता-पिता की आदतों के कारण हो सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे के ऊर्जा संतुलन को प्रभावित करता है। प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के एक तिहाई अभिभावक कड़ी कसरत नहीं करते हैं।
Denne historien er fra November 2022-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra November 2022-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।