पर्यटकों को अपनी ओर आकृष्ट करने वाली ये गुफाएं रात में बिजली न होने के कारण देखी नहीं जा सकती थी, लेकिन राज्य सरकार ने फरवरी 2017 तक यहां की सभी गुफाओं को बिजली की रोशनी से युक्त करने की योजना बनायी है। मुंबई, नवी मुंबई, जेएनपीटी के समुद्री क्षेत्र में स्थित ये विश्व प्रसिद्ध गुफाएं जब बिजली की रोशनी से चमकेंगी तो वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। नबंवर माह के आखिरी सप्ताह में यहां की बिजली परियोजना का भूमिपूजन और कार्य का शुभारंभ हो गया। इन सुप्रसिद्ध गुफाओं में बिजली आपूर्ति करने के लिए समुद्र के अंदर से बिजली का केबल डाला जाएगा। इसके बाद बिजली के उपकेंद्र बनाने का काम शुरु होगा। न सिर्फ गुफाओं बल्कि वहां के घरों में भी बिजली के वायर डालने, पथदीप लगाने, मीटर लगाने का काम किया जाएगा। घारापुरी एक बहुत अच्छा पर्यटन केंद्र बन सकता है, यहां वर्षाकाल को छोड़कर साल के अन्य माह में देशी विदेशी पर्यटकों का आगमन जारी रहता है। लेकिन शाम के समय बिजली न होने के कारण शाम पांच बजे तक ही पर्यटकों को गुफाओं में जाने की अनुमति है। बिजली आपूर्ति की व्यवस्था हो जाने के बाद यहां पर्यटकों को शाम 7 बजे तक गुफाएं देखने का अवसर प्राप्त होगा।
गुफाओं के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि अगर इस क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था कर दी जाएगी तो यह क्षेत्र देश के अच्छे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित होगा। कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में यहां अस्पताल, टेलीफोन तथा बिजली की व्यवस्था थी लेकिन जब देश को आजादी मिली तो उसके बाद से यहां की बिजली, टेलीफोन तथा स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं समाप्त हो गईं। कुछ लोगों ने कोशिशें करके पास के बुचर बेच से बिजली की अस्थायी व्यवस्था की, लेकिन बिजली की यह अस्थायी व्यवस्था भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी और विश्व धरोहरों में शुमार ये गुफाएं रात के वक्त अंधेरे में रहने लगीं। महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल ने सन् 1989 में घारापुरी परिसर में जनरेटर की यहां एलिफेंटा महोत्सव का शुभारंभ किया। तभी से यहां जनरेटर की टुटपंजी सुविधा से जरूरत के हिसाब से बिजली आपूर्ति की जा रही है। इस अस्थायी बिजली व्यवस्था के लिए हर दिन 250 लीटर डीजल का उपयोग किया जाता है।
Denne historien er fra December 2022-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December 2022-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।