भविष्य और कुछ नहीं, हमारे वर्तमान की ही छाया है तो क्यूं न इस वर्ष के अंतिम दिनों में कुछ ऐसा करें आने वाले दिनों जिसका अच्छा प्रभाव हमारे पर पड़े।
इसके लिए आप एक प्रयोग करें। अपने लिए आप दिसम्बर माह के अंतिम दो-तीन दिन चुन लें और निम्नलिखित कार्यों को ध्यानपूर्वक एवं धैर्य से करें। ध्यान रखें आपका उद्देश्य कार्य को निपटाना नहीं, उनसे जुड़ी घटनाओं के संग-साथ होना है। उन्हें मात्र टालना नहीं उनके साथ पुनः नाता बनाना है ताकि फिर से सब कुछ ताजा हो सक और हम अतीत एवं भविष्य के भेद को समझ सकें। समय एवं मोह के बंधन से मुक्त हो सकें। अपनी समझ को एक रोशनदान दे सकें तथा वर्तमान में अपनी स्थिति एवं उपस्थिति को देख-परख सकें।
कबर्ड या रैक की सफाई
एक दिन निश्चित कर अपना समय अपनी कबर्ड या रैक को दें। एक-एक पेपर/वस्तु को छांटे, काम की वस्तुओं को अलग करें, बेकार की वस्तुओं को फेकें। ऐसा करने से न केवल आपके कबर्ड/रैक की सफाई होगी बल्कि आपको कई खोई हुई वस्तुएं भी मिल जाएंगी तथा उन वस्तुओं से जुड़ी यादें भी ताजा हो जाएंगी। हर वस्तु को फेंकने एवं संजोने से पहले सोचें कि आज तक यह वस्तु कैसे पहुंची थी। उन वस्तुओं से जुड़े लोगों एवं घटनाओं को याद करें। यदि उनसे कुछ सबक मिलता हो तो अवश्य लें ताकि भविष्य में वह घटना फिर न हो। जो फोन नंबर या पते आपने कभी जल्दबाजी में उतारे हों उन्हें एक साफ पेज या कॉपी पर उतारें ताकि उनसे पुनः संपर्क साधा जा सके।
हो सके तो बचपन से लेकर अब तक मिले सर्टिफिकेट (प्रमाण पत्रों) एवं उपलब्धियों आदि पर भी नजर डालें। वह आपको क्यों व किन कारणों से मिले थे। सोचें। ऐसा करके आप स्वयं को ऊर्जावित महसूस करेंगे तथा अपने भीतर छुपे गुणों को फिर से निहार सकेंगे। आपकी सोच भी सकारात्मक बनेगी तथा जीवन में फिर कुछ नया करने का उत्साह भी पैदा होगा।
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