अभी कुछ समय पहले किसी रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में जाना हुआ। खुले वातावरण में आधुनिक साज-सज्जा से परिपूर्ण बड़ा ही भव्य इंतजाम किया हुआ था तभी जयमाला के समय एक अद्भुत नजारा देखने को मिला, वर-वधू दोनों पर ही हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। सारा माहौल ही फूलों की ताजगी व खुशबू से महक गया। खैर ! जब इतने बड़े स्तर पर जब हर एक कार्यक्रम हो रहा था तो खानेपीने का तो कहना ही क्या था? पंडाल के अंदर आते ही अनगिनत खाने-पीने के स्टॉल सजे थे। सॉफ्ट ड्रिंक्स में तरह-तरह के जूस से लेकर भिन्न-भिन्न प्रकार के पेय पदार्थ थे। नाश्ता या स्नैक्स की इतनी वैरायटी वहां दिख रही थी कि जैसा खाने की सोचेंगे वही सामने दिख जाएगा। फलों की भी कुछ अलग किस्म देखने में आईं जो विदेश से मंगाए हुए थे । उनको इस तरह अन्य रूप में काटकर सजाया हुआ था कि देखते ही बनता था। कई स्टॉल बच्चों की पसंद के सजे हुए थे। इनमें सैंडविच, केक, पेस्ट्री से लेकर रंग-बिरंगी चुस्की आइसक्रीम या फिर चॉकलेट-टॉफी वगैरह थी । कहने का मतलब है बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग सभी की पसंद का ख्याल रखा हुआ था। अब इन तरह-तरह के स्टॉल के बाद अच्छी बड़ी जगह में भोजन का इंतजाम किया हुआ था, जिसमें सभी प्रांतों की खास-खास रेसिपीज तो थी हीं जैसेपंजाब के स्टॉल में मक्के की रोटी व सरसों का साग तो राजस्थान में बाजरे की खिचड़ी से लेकर दाल-बाटी और चूरमा का ध्यान रखा गया था। इसी तरह जो जहां का प्रसिद्ध व्यंजन था उसी स्टॉल में मिल रहा था। इसके अलावा चाइनीच-मुगलई- इटैलियन आदि कई देशों के खाने के स्वाद व खुशबू से भी वातावरण सरोबार हो रहा था।
Denne historien er fra February 2023-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra February 2023-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।