क्या वह दिन सदा रहे? नहीं ना, तो फिर आज के, दुख एवं कष्ट के, दिन भी सदा नहीं रहेंगे। जब सुख नहीं टिका तो दुख भी ज्यादा लम्बा नहीं टिकेगा। हां हमारी चिंता इस समय को, इस स्थिति को जरूर लम्बा बना सकती है, क्योंकि हम दुख से सदा भागते हैं। उसे स्वीकारना ही नहीं चाहते। इसलिए भागते-भागते हम थक जाते हैं और दुख हमें तकलीफ देता हुआ मालूम पड़ता है, कठिन और लम्बा लगता है।
बुद्ध कहते हैं 'इस जगत में दुख इसलिए है, क्योंकि हम उसे स्वीकार नहीं करते। जिस भी स्थिति को, अवस्था को या परिणाम आदि को जब हम स्वीकार कर लेते हैं, मान लेते हैं तो वह स्थिति, वह चीज, वह वस्तु हमें तकलीफ देना बंद कर देती है।' यह सच है हमारा अस्वीकार भाव ही हमारे सुख के आड़े आता है। इसलिए हमें किसी के विपरीत नहीं खड़ा होना है, हमें अपनी सहमति जतानी है। हमें यह स्वीकार करना है कि परिवर्तन सृष्टि का नियम है। यहां स्थिर कुछ भी नहीं रहता और जो होता है वह अच्छे के लिए होता है।
लेकिन हम बहुत चालाक हैं हम अच्छे परिवर्तन को तो सरलता से स्वीकार कर लेते हैं परंतु बुरे, कष्टकारी परिवर्तनों के खिलाफ हो जाते हैं। यह खिलाफ होना ही युद्ध की तैयारी है जो सदा हमारे मन चलता रहता है। युद्ध करके कभी किसी को चैन मिला है? शायद नहीं। इसलिए स्वीकार करो कि कुछ बदल रहा है, बदलता है, कुछ नया घट रहा है। किसी की झोली में पहले दुख हैं तो किसी की झोली में सुख। मगर हर सुख कभी न कभी दुख से गुजरता है और हर दुख कभी न कभी सुख की खबर लाता है। स्थिर कुछ भी नहीं रहता। बस सब नियती का फेर है। हर चीज परिवर्तित होती है। इसमें घबराने जैसा कुछ नहीं। वक्त का, जिंदगी का दूसरा नाम है परिवर्तन, क्योंकि परिवर्तन नहीं तो कुछ नहीं। सब कुछ होना न के बराबर है।
जीवन का अभिन्न है अंग परिवर्तन
Denne historien er fra January 2024-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 2024-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
सुख की अनुभूति
वो जरा सा सेकेंड निर्विकल्पता का। वह जो भीतर निर्विकल्पता होती है सबसे प्यारी होती है क्योंकि उसमें हम अपने मन में अपना प्रतिबिंब नहीं देख रहे, मन ही को उड़ा दिया है, सीधे-सीधे अपने आपको देख रहे हैं।
कैसे दूर करें घर का वास्तुदोष?
वास्तुदोष घर की सुख-समृद्धि में सबसे बड़ी बाधा है। ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि घर में व्याप्त वास्तुदोष को दूर किया जाए। कैसे व किस प्रकार, आइए जानते हैं लेख से।
कैसे मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति?
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को सबसे बड़ा दोष माना जाता है। पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति जीवन में काफी उतार चढ़ाव महसूस करता है। पितृ दोष आपके जीवन में बाधा न बने उसके लिए यह उपाय अपनाएं।
विघ्नहर्ता हैं भगवान गणेश
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और दुःखहर्ता भी कहा जाता है। 7 सितंबर से आरंभ होने वाले गणेश चतुर्थी पर्व की धूम महाराष्ट्र में 10 दिनों तक देखते ही बनती है। आइए जानें विस्तार से इस पर्व की महत्ता।
समाजवाद के पथ-प्रदर्शक महाराजा अग्रसेन
महाराजा अग्रसेन का जन्म अश्विन शुक्ल प्रतिपद को हुआ था, इसलिए इस दिन को अग्रवाल समाज में अग्रसेन जयंती के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन अग्रसेन जयंती मनाई जाती है, जो इस बार 3 सितंबर को है। ऐसे ही महान संत को समर्पित है हमारा यह लेख।
संस्कृति और समृद्धि का त्यौहार - ओणम
ओणम दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक रवास पर्व है। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व की रौनक देखते ही बनती है। इस पर्व के महत्त्व व इसके इतिहास पर आइए डालते हैं एक नजर।
सौभाग्य प्राप्ति का पर्व हरतालिका तीज
ऐसी मान्यता है कि सर्वप्रथम मां पार्वती ने शिव जी को प्रसन्न कर उन्हें इच्छित वर के रूप में पाने हेतु हरतालिका तीज का व्रत रखा था। इस व्रत की महिमा को जानते हैं लेख से।
गैजेट्स की लत से छिनता बच्चों का मासूम बचपन
सूचना-तकनीक के इस समय में चाहे अनचाहे हर व्यक्ति तकनीकी गैजेट्स की भीड़ से घिरा हुआ है। यहां तक कि बच्चों की एजुकेशन और विकास में भी इनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन किस हद तक, जानिए इस लेख द्वारा -
आंवले से बालों की समस्याओं को करें दूर
आंवले में विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, विटामिन बी फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए आंवला बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
यूं करें ब्रेस्ट की देखभाल
हर महिला के लिए यह जरूरी है कि वो अपने स्तनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इनकी सही देखभाल करें। अपने ब्रेस्ट को कैसे स्वस्थ रखें, आइए जानें-