टीबी माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्यूलोसिस बैक्टीरिया से होता है। बैक्टीरिया हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलते हैं। यह ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। टीबी रोगी के छींकने, खांसने या फिर थूकने के दौरान निकली बैक्टीरिया युक्त बूंदें हवा में फैल जाती हैं। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति मरीज के थूक, बलगम और सांस के संपर्क में आता है, तो टीबी के बैक्टीरिया सांस के माध्यम से उसके शरीर में पहुंच जाते हैं। इसके साथ ही टीबी थूक के ड्रॉपलेट न्यूक्लीआई यानी सूखने के बाद बचे छोटे से कण से भी फैल सकता है और किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। सबसे पहले फेफड़ों को अपनी चपेट में लेते हैं। समुचित उपचार न होने पर बैक्टीरिया फेफड़ों से खून में मिलकर शरीर के दूसरे अंगों तक भी पहुंच जाता है और उन्हें संक्रमित करता है।
टीबी का प्रकार
गुप्त तपेदिक (लेटन्ट टीबी) जिसमें बैक्टीरिया सुप्तावस्था में होता है, जो बहुत कम बढ़ता है। रोगी को तपेदिक के तो कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन अक्सर वो किसी न किसी बीमारी की चपेट में आता रहता है।
दूसरी स्टेज में इम्युनिटी कमजोर होने पर सुप्तावस्था में पड़ा क्षयरोग के बैक्टीरिया सक्रिय होकर तेजी से मल्टीप्लाई करने लगता है। व्यक्ति पर अटैक करते हैं और उसमें टीबी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह फेफड़ों में (थोरेसिक) या फेफड़ों के बाहर (एक्स्ट्राथोरेसिक) शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है जैसे - आंतों, लिम्फनोड, सर्वाइकल, लिवर, हड्डियों, स्पाइन, मस्तिष्क। तीसरी स्टेज-ट्यूबरकुलर सीक्वेल स्टेज होती है जिसमें टीबी के बाद होने वाली परेशानियां होती है।
क्या है लक्षण
टीबी से व्यक्ति के शरीर की चार कार्यप्रणालियां प्रभावित होती हैं- प्रजनन क्षमता, इम्यून सिस्टम, मस्कूलर सिस्टम यानी जोड़ो में तकलीफ।
गुप्त टीबी में व्यक्ति को बार-बार सर्दी-जुकाम होना, वजन में कमी, भूख न लगना, पेट फूलना, एसिडिटी, कब्ज जैसी पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं, बहुत ज्यादा थकावट और कमजोरी, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। संभव हो तो उसे लेटन्ट टीबी की जांच जरूर करानी चाहिए।
टीबी होने पर मरीज में ये लक्षण देखे जाते हैं-
Denne historien er fra February 2024-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra February 2024-utgaven av Sadhana Path.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।