तथागत के बौद्ध होने की यात्रा
Sadhana Path|May 2024
एक आम मनुष्य सुख-सुविधा के लिए संघर्ष करता है लेकिन सिद्धार्थ भोग-विलास को त्याग कर सत्य की खोज के लिए निकल गए, जिसने उन्हें गौतम बुद्ध बनाया। अर्थात अंधकार को दूर करने वाला।
सूरज तिवारी
तथागत के बौद्ध होने की यात्रा

यूंतो पंचांग के हर माह में पूर्णिमा पड़ती है परंतु बैशाख के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा का कुछ अपना ही आनंद एवं महत्त्व है। अपने आप में अतुलनीय एवं अद्वितीय समझी जाने वाली इस पूर्णिमा को पूर्ण किया महात्मा बुद्ध ने। इसी दिन भगवान बुद्ध के जीवन की तीन महत्त्वपूर्ण घटनाएं घटी थीं जो शायद ही किसी और के जीवन में घटी हों। जैसे- इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म होना, इसी दिन बोध या ज्ञान का प्राप्त होना तथा इसी पूर्णिमा के दिन महापरिनिर्वाण (शरीर का त्याग) को उपलब्ध होना। इसी वजह से इस माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है, परंतु तथागत से बुद्ध होने की यात्रा बुद्ध को केवल इस माह की ही नहीं बल्कि वर्ष की हर महीने की पूर्णिमा से जोड़ती है। बुद्ध के जीवन की हर मुख्य घटना पूर्णिमा से संबंध रखती है तथा बौद्ध धर्म को अपने आप में अनोखापन देती है। जैसे -

ज्येष्ठ पूर्णिमा (जून)

ज्येष्ठ पूर्णिमा (जून) इस दिन महान सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा 5 अर्हतों (संघ, गुट) के साथ श्रीलंका गए थे। इसी दिन वहां के राजा देवानामप्रिय तिस्स से मिले और श्रीलंका में बुद्ध धम्म की शुरुआत की। सम्राट अशोक द्वारा बुलाई गई तीसरी धम्म संगीति का समापन हुआ।

आषाढ़ पूर्णिमा (जुलाई)

इस दिन बोधिसत्व सिद्धार्थ गौतम ने माता महामाया की कोख में प्रवेश किया। इसी दिन 21 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ गौतम ने गृह त्याग किया था। इसी दिन भगवान बुद्ध ने पंचवर्गीय भिक्षुओं को धम्म देकर प्रथम धम्म चक्र प्रवर्तन सूत्र की देशना दी थी। इसी दिन 500 अर्हत भिक्षुओं की पहली धम्म संगीति हुई थी तथा इसी माह की पूर्णिमा से भिक्षुओं का वर्षावास आरंभ होता है।

श्रावण पूर्णिमा (अगस्त)

इस दिन बौद्ध उपासक/उपासिकाओं द्वारा महाउपोसथ व्रत रखा जाता है।

भाद्रपद पूर्णिमा (सितंबर)

इस दिन भगवान बुद्ध ने आरिय वंश सुत्त का उपदेश दिया था। बौद्ध उपासक एवं उपासिकाएं महाउपोसथ व्रत रखते हैं।

Denne historien er fra May 2024-utgaven av Sadhana Path.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra May 2024-utgaven av Sadhana Path.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA SADHANA PATHSe alt
क्यों पड़ती हैं चेहरे पर झुर्रियां
Sadhana Path

क्यों पड़ती हैं चेहरे पर झुर्रियां

स्वस्थ त्वचा ही किसी भी महिला के लिए सर्वोत्तम मेकअप होती हैं, मगर झुर्रियां चेहरे से उसकी यह रौनक छीन लेती हैं। क्या हैं झुर्रियां होने के कारण और क्या हैं इनके निवारण, जानिए इस लेख के द्वारा।

time-read
3 mins  |
March 2025
त्वचा के लिए जरूरी हैं ये विटामिन और मिनरल्स
Sadhana Path

त्वचा के लिए जरूरी हैं ये विटामिन और मिनरल्स

त्वचा के भीतरी पोषण के लिए ज़रूरी है कि इसे पोषणयुक्त दुलार दिया जाए। त्वचा किस प्रकार की है, इस आधार पर ही किसी के शरीर की कार्यशीलता का पता लगाया जा सकता है। तो आइए, इसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानते हैं

time-read
2 mins  |
March 2025
गर्भपात के बाद की कमज़ोरी से ऐसे निपटें!
Sadhana Path

गर्भपात के बाद की कमज़ोरी से ऐसे निपटें!

किसी महिला का गर्भपात होना शारीरिक और मानसिक, दोनों स्तर पर बेहद मुश्किल होता है, इसलिए जानिए कि किसी महिला को इसके बाद अपना विशेष ध्यान कैसे रखना चाहिए।

time-read
2 mins  |
March 2025
आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव
Sadhana Path

आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव

देवों के देव महादेव भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।

time-read
4 mins  |
March 2025
पाचन तंत्र को ठीक करने के 21 उपाय
Sadhana Path

पाचन तंत्र को ठीक करने के 21 उपाय

अच्छा पाचनतंत्र बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है। अगर आपका पाचनतंत्र ठीक नहीं है तो जरूरी है कि इन बातों का ध्यान रखें

time-read
3 mins  |
March 2025
राशि अनुसार करें रंगों का चयन
Sadhana Path

राशि अनुसार करें रंगों का चयन

रंगों का महत्त्व केवल होली तक ही सीमित नहीं, बल्कि मनुष्य के स्वभाव, उसके भविष्य एवं उसके स्वास्थ्य से भी इसका सीधा संबंध होता है।

time-read
2 mins  |
March 2025
होली एक रंग अनेक
Sadhana Path

होली एक रंग अनेक

रंगों का पर्व होली पूरे भारत में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के हर क्षेत्र में होली के विविध रूप रंग, प्रथा, मेले आदि देखने को मिलते हैं। आइए लेख के माध्यम से इस पर्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा करें।

time-read
6 mins  |
March 2025
धरती का बैकुंठ है पुरी का जगन्नाथ धाम
Sadhana Path

धरती का बैकुंठ है पुरी का जगन्नाथ धाम

चार धामों में एक प्रमुख धाम, ओडिशा का जगन्नाथ धाम है। जगन्नाथ धाम की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है जिसमें शामिल होने के लिए भक्तगण देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। आइए जगन्नाथ धाम की महिमा पर लेख में विस्तार से चर्चा करें।

time-read
9 mins  |
March 2025
ऊर्जा का रूपांतरण
Sadhana Path

ऊर्जा का रूपांतरण

जिसे तुम 'जीवन' कहते हो या जिसे तुम ‘मैं” कहते हो, वह ऊर्जा है। तुम जितने जीवंत हो, तुम जितने जागृत हो, उतने ही तुम ऊर्जावान होते हो।

time-read
2 mins  |
March 2025
क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?
Sadhana Path

क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?

3 अप्रैल से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है, जिसके पंजीकरण की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो चुकी है।

time-read
2 mins  |
March 2025