हमारा धार्मिक ग्रंथ रामायण जिसके बारे में हम सभी जानते हैं, रोज इसका पाठ करते हैं, पर क्या हम जानते हैं कि इसमें ऐसी कमाल की बातें छुपी हैं जिनका अनुसरण करें तो हम अपने व्यक्तित्व, व्यवसाय, निजी जिंदगी, अपनी टीम की तरक्की, अपने कैरियर को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
पहली सीख, लीडरशीप
प्रबंधन में अहम भूमिका है एक ऐसे लीडर की जो हमारी छुपी हुई अंदर की ताकत को पहचान कर हमें उससे अवगत कराए और हमारा हौसला बढ़ाए। रामायण में जामवंत ने हनुमान की छुपी हुई ताकत को जाना और उससे असाधारण काम करवा लिया। लंका में घुसकर मां सीता को वापस लाने में हनुमान के योगदान के बारे में सभी जानते हैं।
दूसरी सीख, टीम वर्क होना
सेना का सेनापति सही हो तो कुछ भी असंभव नहीं। रावण के पास राक्षसों की लंबी सेना थी और कई वरदान थे। ऐसी सेना जिसको हराना देवताओं के लिए भी संभव नहीं था और राम के पास खाली उसका भाई था। सीता का अपहरण हो गया था, वह सुराग दूर रहे थे। धीरे-धीरे उन्होंने बंदरों की सेना इकट्ठी की। उनको मालूम था किसको कौनसा काम देना है, कौन वह काम महारथ के साथ कर सकता है और उनकी लीडरशिप में वानर सेना ने राक्षसों के घर में घुसकर उन्हें हरा दिया। लीडर सही हो तो कोई भी टीम बेमिसाल काम कर सकती है। आप भी आज से कहना बंद कीजिए मेरी टीम में यह कमी है, वह कमी है, लीडर सही है तो कुछ भी काम करवा सकता है।
तीसरी सीख, अपने शब्दों की कीमत करना
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विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली
दीपावली के अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक दीपों की जगमगाहट और पटाखों की गूंज होती है। लेकिन यह त्यौहार सरहद और सात समंदर पार भी उसी उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। कहां और कैसे, जानें लेख से।
शक्ति आराधना के साढ़े तीन पीठ
महाराष्ट्र में कोल्हापुर, तुलजापुर, माहूर और नासिक इन स्थानों पर मां अंबे के साढ़े तीन पीठ हैं। ये सभी शक्ति पीठ जागृत धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके महत्त्व और आख्यायिकाओं के बारे में जानें इस लेख से।
बढ़ती आबादी बनी चुनौती
विश्व की जनसंख्या सात अरब से भी पार जा चुकी है। अगर अपने देश भारत की बात करें तो यह संख्या दुनिया की कुल आबादी का 17.78% है। भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है।
दीपावली में रंग भरती रंगोली
रंगोली लोकजीवन का एक बहुत ही अभिन्न अंग है। देश के विभिन्न हिस्सों में रंगोली सजाने का अपना अलग-अलग स्वरूप है। दीपावली के मौके पर इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
धनतेरसः मान्यताएं और खरीदारी
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को यानी धनवंतरि त्रयोदशी को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है धनतेरस। इस दिन सोना-चांदी आदि खरीदना शुभ मानते हैं। धनतेरस के महत्त्व को जानें इस लेख से।
लक्ष्मी को प्रिय उल्लू, कौड़ी और कमल
हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और प्रतिष्ठा की देवी मानते हैं तो उनके वाहन उल्लू को भी भारतीय संस्कृति में धन-संपत्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसके साथ ही कौड़ी और कमल का भी मां लक्ष्मी से गहरा नाता है।
सब दिन होत ना एक समाना
पुष्पक विमान में बैठ कर राम, सीता व लक्ष्मण अनेक तीर्थस्थलों का भ्रमण करने के पश्चात अयोध्या लौट रहे थे। चौदह वर्ष पश्चात अपनी मातृभूमि के दर्शन के इस विचार से ही श्रीराम गदगद् हो उठे।
जय मां नीलेश्वरी काली जन्म दाती से जगत जननी तक
डस पृथ्वी पर धरा एक ऐसी शक्ति है जिसमें सभी बुद्धिजीवी प्राणी कृपा पाते हैं, जिसके रूप अनेक हैं, कोई किसी नाम से कोई किसी नाम से मां आदि शक्ति की पूजा करते हैं।
नौ कन्याओं का पूजन क्यों?
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन कर अपने सामर्थ्यनुसार दक्षिणा देकर भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
बिना कसरत के वजन कम करें, अपनाएं ये टिप्स
व्यायाम के बिना वज़न घटाने के इन चमत्कारी तरीक़ों पर गौर करें और बिना व्यायाम के अपना वज़न घटाने की शुरुआत करें।