कहते है कि आंखें मन का दर्पण होती हैं। शरीर के और किसी अंग के ना रहने से उतना फर्क नहीं पड़ता जितना कि आंखों के ना रहने से। हमारी थोड़ी सी भी लापरवाही हमारी दृष्टि के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं। सरोया आई हॉस्पिटल कि निदेशक एवं वरिष्ठ परामर्शकर्त्ता डॉक्टर जे. एस. सरोया कहते हैं, कि लोगों में कालापानी बहुत प्रचलित हैं, इसलिए इसका इलाज समय रहते करवाना जरूरी है।
कालापानी क्यों होता?
सामान्यतः आंख के अंदर एक द्रव्य बनता रहता है, जो आंख के भीतरी अंगो को पोषण देता है। इसी द्रव्य के आंख के गोलक के बाहर निकलने का एक जालीनुमा रास्ता होता है, जब यह रास्ता अवरूद्ध हो जाता है तो यह द्रव्य अंदर जमा हो जाता है और आंख के अंदरूनी भाग, विशेषकर आंख की नस पर दबाव डालता है।
कालापानी किसे प्रभावित कर सकता है?
• 40 वर्ष से अधिक वायु वाले व्यक्तियों को।
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