"मेरे अधिकतर रिजैक्शन सांवली रंगत की वजह से हुए” - संचिता कुलकर्णी
Mukta|August 2022
ऐक्टिंग में होनहार संचिता कुलकर्णी को शुरू से क्रिएटिव काम करने की इच्छा थी, पर उन की सांवलेपन रंगत के चलते इंडस्ट्री में उन्हें काम मिलने में समय लगा. आज वे चर्चित अभिनेत्री हैं. जानें उन की लाइफ के कुछ खास पहलुओं को.
सोमा घोष
"मेरे अधिकतर रिजैक्शन सांवली रंगत की वजह से हुए” - संचिता कुलकर्णी

24 वर्षीया खूबसूरत मराठी अभिनेत्री संचिता कुलकर्णी ने मराठी सीरीज 'प्रीती पारी तुझ्यावरी' में अभिनय कर प्रसिद्धि हासिल की और कई फिल्मों में काम किया. संचिता की मां प्राजक्ता कुलकर्णी एक बेकरी चलाती हैं जबकि उन के पिता क्रिकेट प्लेयर के साथसाथ सरकारी नौकरी भी करते थे.

कामकाजी परिवार में पैदा हुई संचिता को शुरू से क्रिएटिव या मीडिया में काम करने की इच्छा रही, जिस में उन के मातापिता ने खूब सहयोग दिया. अभी वे सोनी मराठी पर 'सुंदर आमचे घर' में काव्या की भूमिका निभा रही हैं. व्यस्त शूटिंग के बीच संचिता ने हम से बात की.

आप को अभिनय क्षेत्र में आने की प्रेरणा कैसे मिली?

अभिनय में आना एक इत्तफाक था क्योंकि मैं ने कभी भी फिल्मों में अभिनय की बात नहीं सोची थी लेकिन क्रिएटिव या मीडिया फील्ड में काम करने की इच्छा थी. वहीं से मेरी जर्नी शुरू हुई. परिवार में कोई भी इस क्षेत्र में नहीं था.

मुंबई कैसे आना हुआ?

मैं नागपुर की हूं, वहीं मेरी परवरिश हुई, लेकिन इस क्षेत्र में आने के लिए परिवार का सहयोग बहुत मिला है. सभी की सोच प्रोग्रेसिव रही. मैं और मेरी बहन के लिए किसी प्रकार की रोकटोक नहीं थी. मेरी मां मेरी आदर्श हैं, मेरे पिता ने भी हमेशा मुझे अपने मनमुताबिक कैरियर बनाने की आजादी दी है पर हमेशा सचाई के साथ रहने की सलाह दी. इसलिए मेरे कैरियर के चुनाव में परिवार का बहुत बड़ा योगदान होने की वजह से मैं अभिनय के क्षेत्र में आने के बारे में सोच पाई.

परिवार का रिऐक्शन क्या था?

पहली बार जब मैं ने अभिनय की बात पेरैंट्स से कही तो उन का रिऐक्शन बहुत ही नौर्मल था. मैं ने बिजनैस मैनेजमैंट में अपनी पढ़ाई पूरी की क्योंकि शिक्षा को पूरा करना मेरे लिए जरूरी था. इस के अलावा पेरैंट्स ने कहा कि सफलता और असफलता दोनों को पचाने की शक्ति मुझे होनी चाहिए. किसी में मैं मायूस या टूट नहीं सकती. इसलिए काम करना आसान हो गया था. हालांकि आसपास के लोग और रिश्तेदारों ने उन्हें बहुत बार समझाया कि फिल्म में मेरा काम करना ठीक नहीं, कैरियर के लिए इस का चुनाव गलत है लेकिन उन का मना करना ही मेरे लिए चुनौती बनी.

Denne historien er fra August 2022-utgaven av Mukta.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra August 2022-utgaven av Mukta.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA MUKTASe alt
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
Mukta

बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस

बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.

time-read
8 mins  |
October 2024
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
Mukta

औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा

दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.

time-read
10 mins  |
October 2024
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
Mukta

सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी

युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.

time-read
4 mins  |
October 2024
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
Mukta

दीवाली नोस्टेलजिया से बचें

कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.

time-read
4 mins  |
October 2024
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
Mukta

सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला

इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.

time-read
1 min  |
October 2024
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
Mukta

कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया

सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.

time-read
7 mins  |
October 2024
इयरफोन का यूज सही या गलत
Mukta

इयरफोन का यूज सही या गलत

इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.

time-read
7 mins  |
October 2024
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
Mukta

औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां

औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.

time-read
3 mins  |
October 2024
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
Mukta

सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ

बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.

time-read
4 mins  |
October 2024
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
Mukta

इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश

दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.

time-read
6 mins  |
October 2024