![लड़कियों की छेड़खानी बेचारे लड़के भरें पानी लड़कियों की छेड़खानी बेचारे लड़के भरें पानी](https://cdn.magzter.com/1338807038/1698905542/articles/XYu8Hv1hj1698917597737/1698917760544.jpg)
भारत में ऐसा माना जाता है कि लड़के अकसर लड़कियों के साथ छेड़खानी करते हैं, उन पर फब्तियां कसते हैं, अश्लील इशारे या फिर शारीरिक टीजिंग करते हैं. बेचारी लड़कियों को हर जगह ऐसी छेड़छाड़ का शिकार अकसर होना पड़ता है.
पर यह तसवीर का एकतरफा पहलू है. तसवीर का दूसरा पहलू यह बताता है कि न केवल लड़कियों को लड़कों द्वारा छेड़ा जाना अच्छा लगता है बल्कि मौका मिलते ही वे खुद लड़कों से छेड़खानी करने से बाज नहीं आतीं.
सुरेश अपनी बहन का एडमिशन फौर्म भर कर उसे कालेज में जमा करवाने गया. वह गर्ल्स कालेज था. हर तरफ लड़कियां ही लड़कियां नजर आ रही थीं.
सुरेश ने झिझकते हुए एक शरीफ सी नजर आने वाली लड़की से फौर्म जमा कराने की खिड़की के बारे में पूछ लिया तो उस लड़की ने उसे इशारे से जगह बता दी.
सुरेश लड़की की बताई जगह पर पहुंचा तो वहां उसे कोई नजर नहीं आया. वह जाने के लिए मुड़ा तो 3-4 लड़कियों ने उसे घेर लिया.
"हाय, हैंडसम, इतनी भी क्या जल्दी है जाने की जरा हमारे पास तो बैठो," कहते हुए उन लड़कियों ने उसे जकड़ लिया. एक लड़की उस का इस तरह वीडियो बनाने लगी कि सुरेश का चेहरा दिखे पर लड़कियों का नहीं.
सुरेश की समझ में नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है, इतने में वह लड़की आ गई जिस ने फौर्म जमा करवाने की जगह बताने के बहाने उसे यहां भेजा था.
Denne historien er fra October 2023-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra October 2023-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
![बोल्डनैस से इंटरनैट पर छाई राधिका सेठ बोल्डनैस से इंटरनैट पर छाई राधिका सेठ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/gOU1Z5k_y1737717593221/1737717719414.jpg)
बोल्डनैस से इंटरनैट पर छाई राधिका सेठ
राधिका सेठ ने न केवल मौडलिंग में बल्कि फिल्मों और वैब सीरीज में भी अपनी पहचान बनाई है.
![सुशीला मीणा जैसों के सपनों पर अपनी पीठ थपथपाता बेशर्म समाज सुशीला मीणा जैसों के सपनों पर अपनी पीठ थपथपाता बेशर्म समाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/5OE6vxTHe1737717082072/1737717268455.jpg)
सुशीला मीणा जैसों के सपनों पर अपनी पीठ थपथपाता बेशर्म समाज
सुशीला कोई अपवाद नहीं. न ही कोई स्पैशल टैलेंट है. सुशीला को ले कर इंटरनैट पर जो होहल्ला है वह सिर्फ उस के गरीब होने का है. जो गर्व किया जा रहा है उस की गरीबी पर किया जा रहा है. यह गर्व की बात नहीं बल्कि शर्म की बात है कि इस पर हम अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.
![टीनऐजर पहले कमाएं फिर अपनी चलाएं टीनऐजर पहले कमाएं फिर अपनी चलाएं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/Rpqe4gZne1737717935171/1737718175958.jpg)
टीनऐजर पहले कमाएं फिर अपनी चलाएं
टीनएजर को अकसर अपने पेरैंट्स से यह शिकायत होती है कि वे जबरदस्ती अपने डिसिजन उन पर थोप रहे हैं. ऐसे में यह बात समझ लें कि जो अपना पैसा खर्च कर रहा है उस की बात तो आप को सुननी ही पड़ेगी. जब आप कमाने लगें तब अपनी धौंस दिखा सकते हैं.
![ओयो भी बना दुश्मन प्यार का कुंआरे कपल्स की एंट्री बंद ओयो भी बना दुश्मन प्यार का कुंआरे कपल्स की एंट्री बंद](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/3xK0DbJCU1737717736107/1737717919303.jpg)
ओयो भी बना दुश्मन प्यार का कुंआरे कपल्स की एंट्री बंद
संविधान का अनुच्छेद 21 हर तरह की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात करता है. इसी कड़ी में अनुच्छेद 301 बहुत साफ करता है कि 2 बालिगों को रजामंदी से देश में कहीं भी सैक्स करने की आजादी है. ओयो कैसे कानून और संविधान का खुला उल्लंघन कर रहा है. आप भी जानिए-
![मुकेश चंद्राकर की हत्या यूट्यूब के स्वतंत्र पत्रकारों के लिए नया चैलेंज मुकेश चंद्राकर की हत्या यूट्यूब के स्वतंत्र पत्रकारों के लिए नया चैलेंज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/5CvlaAo2x1737715941918/1737716231157.jpg)
मुकेश चंद्राकर की हत्या यूट्यूब के स्वतंत्र पत्रकारों के लिए नया चैलेंज
मुकेश चंद्राकर यूट्यूब पर 'बस्तर जंक्शन' नाम से अपना चैनल चलाते थे और बस्तर जैसे दुर्गम नक्सल प्रभावी क्षेत्र में पत्रकारिता किया करते थे. जनवरी 3 को उन की लाश स्थानीय ठेकेदार के सैप्टिक टैंक में पाई गई, जिस ने पत्रकारों के बीच सनसनी फैला दी.
![इन्फ्लुएंसर्स देते लड़कियों को मेकअप का कौन्फिडेंस इन्फ्लुएंसर्स देते लड़कियों को मेकअप का कौन्फिडेंस](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/EaSLx2rv61737717289266/1737717554007.jpg)
इन्फ्लुएंसर्स देते लड़कियों को मेकअप का कौन्फिडेंस
मेकअप और स्किन केयर लड़कियों के कौन्फिडेंस को बूस्ट करने का माध्यम बन चुका है. इसे बढ़ाने में मेकअप आर्टिस्ट और इन्फ्लुएंसर्स ने खासा काम किया है. कहीं न कहीं वे बताते हैं कि मेकअप का इस्तेमाल खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए बेहद जरूरी होता है.
![पोटेंशियल है मगर मौकों की कमी से जूझ रहीं श्रेया चौधरी पोटेंशियल है मगर मौकों की कमी से जूझ रहीं श्रेया चौधरी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/YG0urdyz41737716298346/1737716504298.jpg)
पोटेंशियल है मगर मौकों की कमी से जूझ रहीं श्रेया चौधरी
अच्छी हाइट, बोल्ड एंड सैक्सी पर्सनैलिटी, ऐक्टिंग स्किल्स व सुंदरता सब श्रेया के पास है जो एक सफल ऐक्ट्रैस बनने के लिए चाहिए लेकिन वे स्टैबलिश नहीं हो पाई हैं. आखिर ऐसा क्यों?
![लड़की सेक्स पैसा वॉयलेंस रैप गानों में सिर्फ तूतूमैंमैं लड़की सेक्स पैसा वॉयलेंस रैप गानों में सिर्फ तूतूमैंमैं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/-EO-ACCtd1737716522957/1737717082564.jpg)
लड़की सेक्स पैसा वॉयलेंस रैप गानों में सिर्फ तूतूमैंमैं
आज हर गलीमहल्ले, स्कूलकालेजों में युवा रैप गाते हुए सुनाई देते हैं. रैप गानों का बड़ा प्रशंसक वर्ग है, खासकर इसे युवा खूब पसंद करते हैं. लेकिन जिस तरह के रैप गाने बनाए जा रहे हैं क्या वे सुनने लायक हैं भी?
![प्रेम पत्र से कहीं अधिक सावित्री बाई फुले प्रेम पत्र से कहीं अधिक सावित्री बाई फुले](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/Rz0tWBlly1737715838927/1737715920711.jpg)
प्रेम पत्र से कहीं अधिक सावित्री बाई फुले
सावित्री बाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं. तमाम रुकावटों और विरोधों के बावजूद उन्होंने अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ मिल कर दलित, वंचितों और महिलाओं के लिए परिवर्तनकारी सामाजिक काम किए.
![गरीब छात्रों को हवाई सपने बेचते एजुकेशनल स्पीकर्स गरीब छात्रों को हवाई सपने बेचते एजुकेशनल स्पीकर्स](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1971285/1YkOLYRzm1737715297624/1737715812844.jpg)
गरीब छात्रों को हवाई सपने बेचते एजुकेशनल स्पीकर्स
इस बात की क्या गारंटी है कि एक साल हाड़तोड़ मेहनत कर हर ऐस्पिरेंट आईएएस क्लीयर कर ही लेगा, जबकि सीटें ही उन का नाम लिखा है. इस उम्मीद को मोटिवेशन मुश्किल से 1,000 निकलती हैं? न जानें कितने ही स्टूडैंट्स इस उम्मीद में सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं कि उस एक सीट पर उन का नाम लिखा है . इस उम्मीद को मोटिवेशन के नाम पर हवाई पंख देते हैं एजुकेशनल स्पीकर्स जो बड़ेबड़े कोचिंग संस्थान चला रहे हैं. जानें इस मोटिवेशन के पीछे क्या है अंदर का खेल.