दिल्ली मैट्रो हो या मुंबई की लोकल ट्रेन, हर जगह भीड़ ही भीड़ है. इस भीड़ में एक चीज कौमन है, वह है इस भीड़ के हाथों में मोबाइल का होना. ट्रेन व बस का गेट पकड़े हुए हर शख्स के मोबाइल फोन की स्क्रीन पर शौर्ट रील्स ही स्क्रौल हो रही होती है. ऐसा लगता है मानो लोगों को कोई काम ही न हो.
इस खाली वक्त में वह अपनी स्टडी, अपने वर्क से रिलेटिड कंटैंट पढ़ या देख सकते हैं लेकिन वे घुसे होते हैं फैशन, लाइफस्टाइल, मेकअप, कपड़े या प्रोडक्ट के रिव्यू देने वाली रील्स में, जो कि उन का वक्त बरबाद करती हैं. फिर भी युवा धड़ल्ले से इन करील्स को देख रहे हैं.
ऐसा कर वे न सिर्फ अपना कीमती समय बेकार की चीजों में बरबाद कर रहे हैं बल्कि इन कंटैंट क्रिएटर का बैंक अकांउट भी अपने पैसों से भर रहे हैं.
कंटैंट क्रिएटर आखिर ऐसा क्या पेश करते हैं कि युवा दिनभर उन की रील्स देखने में लगे रहते हैं. इस का जवाब यह है कि कंटैंट क्रिएटर कंटैंट के नाम पर कुछ भी पोस्ट कर देते हैं और उन के फोलोअर्स सिर्फ उन की रील्स पर ढेरों व्यूज और लाइक देने का काम करते हैं.
ऐसे ही कुछ कंटैंट क्रिएटर हैं जो अपनी रील्स में अलगअलग शौपिंग साइट से कपड़े और प्रोडक्ट खरीद कर उन के बारे में बताते हैं. कहीं घूमने जाते हैं तो उस की रील्स बना लेते हैं और कुछ क्रिएटर तो इतने महान हैं कि उन्हें कोई कंटैंट नहीं मिलता तो वे गानों पर डांस या लिपसिंग करते हुए रील्स अपलोड कर देते हैं और यंगस्टर्स इन्हें बड़ी संख्या में देखते हैं.
राशि प्रभाकर - यूजफुल और नौट
इंस्टाग्राम पर ऐसे ही कुछ कंटैंट क्रिएटर्स हैं जो इसी तरह का कंटैंट पेश करते हैं जैसे राशि प्रभाकर जिस की इंस्टटाग्राम आईडी है stylewithrashi. इस के इंस्टाग्राम पर 3 लाख 28 हजार फौलोअर्स हैं. इस की बायो में डिजिटल क्रिएटर लिखा है. यह फैशन और ट्रायल की रील्स बनाती है, जिस में यह डिफरैंट शौपिंग साइट से कपड़े मंगा कर उन्हें ट्राय करती है. इस के यूट्यूब पर 1 लाख 33 हजार के आसपास सब्सक्राइबर हैं, जिस पर अब तक 233 वीडियोज पोस्ट किए जा चुके हैं.
Denne historien er fra January 2024-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 2024-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
कहीं आप ममाज बौय तो नहीं
'ममाज बौयज' होना गलत नहीं है, बल्कि इस से सहानुभूति और कोमल व्यवहार ही मिलता है मगर अपनी मां पर हर काम के लिए निर्भर रहना कमजोर भी बना सकता है.
भ्रामक प्रचार करते फूड व्लॉगर्स
सोशल मीडिया पर फूड इन्फ्लुएंसर्स जगहजगह घूम कर ऐसेऐसे फूड्स का प्रचार करते हैं जो वाकई चटकारे लायक होते हैं लेकिन बात हाइजीन की हो तो वे बेहद ही घटिया होते हैं.
ब्रँड प्रमोटिंग के खेल में मीम्स मार्केटिंग एजेंसी का बढ़ता चलन
सोशल मीडिया प्रचार का सब से बड़ा माध्यम हो गया है. बाजार लगते ही यहां भी बिचैलिए आ गए हैं, जो ब्रैंड और इन्फ्लुएंसर्स के बीच आ कर मोटा मुनाफा ले जाते हैं.
बौलीवुड ट्रेलब्लेजर जर्नलिस्ट आदित्य राणा
आदित्य राणा एलजीबीटीक्यू राइट्स की मांग उठाने वाला जर्नलिस्ट है. वह अकसर बौलीवुड सैलिब्रिटीज के साथ दिखाई देता है. सोशल मीडिया पर जितना उसे ट्रोल किया जाता है उतना ही वह बोल्ड तरीके से अपनी बात रखता है.
संतोषी शेटटी का फैशन कंटेंट हुआ फीका
संतोषी शेट्टी फैशन व्लौगर के रूप में फेमस हुई पर लगता नहीं कि अब उस का कंटैंट कोई देखता है. संतोषी शेट्टी का फैशन ब्लौग नीरस और थका हुआ रहता है. ऐसे में व्यूज की संख्या घटेगी ही.
फालतू इन्फ्लुएंसर्स को यूथ में आइडियलाइज करता बिग बोस
जब से बिग बौस ओटीटी आया है तब से एकाएक फालतू सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स इस शो में आ रहे हैं. बिग बौस इन फालतू इन्फ्लुएंसर्स को युवाओं के बीच में प्रचारित तो कर ही रहा है, साथ में आइडियलाइज भी.
टीनएज में जब गर्लफ्रैंड बने
टीनएज लव यानी किशोरावस्था में प्यार कोई नई बात नहीं है. आप के साथ भी ऐसा हो रहा है तो कोई बात नहीं. बस, उम्र के जोश में यह न भूल जाना कि आप की इस चाहत की मंजिल क्या है.
युवाओं के सपनों के बूते चलते कोचिंग संस्थान
माचिस की डब्बीनुमा कोचिंग संस्थान देशभर में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हैं. इन कोचिंग संस्थानों में छात्रों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखा कर मौत बांटी जा रही है.
रील के चक्कर में जान गंवाते युवा
सोशल मीडिया पर खतरनाक स्टंट वाली रील देखना लोग ज्यादा पसंद करते हैं. वायरल होने की चाहत में युवा ऐसी रील बनाने में अपनी जान गंवा रहे हैं. लखनऊ में पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के आंकड़े बताते हैं कि 7 माह में 83 लोगों की जान रील बनाने के चक्कर में गई हैं.
सैक्सी एंड बोल्ड इमेज के साथ टाइपकास्ट की शिकार हुईं तृप्ति डिमरी
'बुलबुल' और 'कला' फिल्मों में अपनी अच्छी परफोर्मेंस से तृप्ति डिमरी दर्शकों के दिलों में जगह बनाई, लेकिन 'एनिमल' में उन के बोल्ड सीन्स ने उन्हें रातोंरात एक बोल्ड इमेज में ढाल दिया. सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनने के बावजूद उन की यह सैक्सी इमेज उन के कैरियर के लिए एक चुनौती बन सकती है. क्या तृप्ति इस टाइपकास्ट से बाहर निकल पाएंगी?