हरियाणा पंजाब के वायलैट गाने

जरा एक नजर वायलैंस कल्चर बढ़ाते हरियाणा व पंजाब के यूट्यूब सिंगर्स के गीतों के लिरिक्स पर डालिए:
'मितरां नूं शौक हथियारां दा! मितरां शौक गोली चलाउन दा'. यह बब्बू मान का गाना है जो अलबम 'ओही चन्न ओही रातां' में था.
'चारों पासे रौला पे गया जदों मारेया गंडासा हथ जोड़ के खून दे तराले चलदे, थल्ले सुट्ट लए तोना नूं मरोड़ के'.
इस का मतलब कुछ यों निकलता है कि दोनों हाथों को बांध कर अर्जन वेल्ली ने ऐसा गंड़ासा मारा कि चारों तरफ हाहाकार मच गया. कहीं खून की धाराएं बह रही थीं, कहीं उस ने दुश्मनों की गरदन को मरोड़ कर नीचे दबा रखा था. यह पंजाबी गाना हाल में आई 'एनिमल' फिल्म का है.
'जगह तेरी टाइम तेरा डांग मेरी वहम तेरा रही खड़ा बस जट्ट कड्डों आन के' यानी जगह तुम्हारी पसंद की होगी टाइम भी तुम तय करना पर डांग मेरी होगी जो तुम्हारे सारे वहम दूर कर देगी.
एक और गाना 'जिन्हीं तेरी कालेज दी फीस झल्लिये उन्हीं नांगनी जट्टां दा पुत्त खांदा तड़के' यानी सुन लड़की, जितनी तेरी कालेज की फीस है उतने पैसों का नशा तो मैं सुबह उठते वक्त ही कर लेता हूं.
'जेल विचों फोन आऊंनगे, वेखी परखी न पहुंच जट्ट दी, साडे धाकड़ ये यार ने चलाउन फेसबुक अंदरों बने जेलों दे सिंगार ने.' यानी मेरी पहुंच पर सवाल मत खड़े करना वरना तुम्हें जेल में बंद गैंगस्टरों के फोन आएंगे, जेल में बंद मेरे बड़े धाकड़ यार मोबाइल और फेसबुक चलाते हैं, वे तो जेल का शृंगार बने हुए हैं.
यह मनकीरत औलख का एक सुपरहिट पंजाबी गीत है जिसे अब तक 2 करोड़ 60 लाख से भी ज्यादा लोग देख चुके हैं. आंकड़े बताते हैं कि पंजाब के हर घर तक यह गाना पहुंच गया होगा और बाद में इस गाने का असर ऐसा हुआ कि किसी नामीगिरामी गैंगस्टर को पंजाबी युवा अपना आदर्श मानने लगे. जिन्हें गानों में हीरो के तौर पर पेश किया गया, उन को गुंडे नहीं, भाई बनाया जाने लगा.
इन गीतों में गुंडा एक लड़की को दूसरे गुंडे से बचा रहा है और खुद दूसरी लड़की को छेड़ रहा है, गैंगस्टर को हीरो दिखाते इन गीतों में नशा, असलहा बारूद, दबंगई दिखाई जा रही है.
Denne historien er fra December 2024-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December 2024-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på

सेक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स सैक्स अब टैबू नहीं रह गया
यौन स्वास्थ्य के बारे में बातचीत धीरे धीरे सुरक्षित सैक्स से यौन सुख की ओर बढ़ रही है, पुरुषों और महिलाओं के बीच सुख असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, लोग सक्रिय रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, यौन स्वास्थ्य, मासिक धर्म स्वच्छता और प्रजनन क्षेत्रों में डाक्टरों और प्रभावशाली लोगों के फौलोअर्स की संख्या में पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर 50 से 100 फीसदी की वृद्धि हुई है. यहां चुनिंदा सैक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स का जिक्र किया जा रहा है.

फ्रैंड्स के साथ मूवीज ये गलतियां न करें
दोस्तों के साथ मूवी देखना काफी मजेदार होता है. ग्रुप के सभी लोग एकसाथ होते हैं, हंसी ठिठोली होती है. दोस्तों के साथ बिताया हर पल मैमोरेबल होता है. इसे और यादगार बनाने के लिए मूवी प्लान करने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए.

कंट्रोवर्सी क्वीन अपूर्वा मखीजा
अपूर्वा मखीजा हाल ही में विवादों में आई जब वह इंडियाज गौट लैटेंट में दिखाई दी. उसे फुजूल ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. लड़की होने के नाते वह ज्यादा टारगेट पर रही.

ग्रूमिंग के बाद भी लड़के क्यों लगते हैं झल्ले
लड़कों में भी स्मार्ट दिखने का क्रेज बढ़ रहा है इस के लिए वे सैलून, जिम ही नहीं बल्कि ट्रीटमैंट के लिए डाक्टरों के पास भी जाने लगे हैं. बावजूद इस के, वे लगते झल्ले ही हैं.

इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया पर अध्यात्म प्रदर्शन पड़ा भारी
हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर अचानक तब वायरल हो गई जब वह कुंभ में वीडियोज बनाने लगी. कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने कुंभ को वह ग्राउंड बनाया जहां से वे अपनी रीच बढ़ा सकते थे. इसी में हर्षा का नाम भी जुड़ता है.

घुमक्कड़ी से फेमस हुईं कामिया जानी
एक रिस्पैक्टेड जौब पाना हर किसी का सपना होता है. लेकिन क्या आप ऐसी जब छोड़ कर अपने घूमने फिरने के जनून को प्रायोरिटी देंगे, इस को साबित किया है फूड एंड ट्रैवलिंग के लिए नैशनल क्रिएटर अवार्ड पाने वाली कामिया जानी ने.

क्रिकेट से ले कर फिल्मों तक बढ़ता पीआर कल्चर
बौलीवुड कलाकार हों, क्रिकेटर हों या फिर हों सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, उन की चकाचौंधभरी दुनिया के बारे में जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं, खासकर इन की पर्सनल लाइफ के बारे में. बाहर खबरों में क्या जाए, इस के लिए ये पीआर रखते हैं. जहां इस से कुछ का फायदा होता है, वहीं कुछ को भारी नुकसान उठाने पड़ते हैं.

सोशल मीडिया ने फिर पैदा किए जाति के टोले
सोशल मीडिया कोई दूसरी दुनिया की चीज नहीं है, यह वह भौंडी, सड़ीगली जगह है जो आम लोग बाहर की दुनिया में भीतर से महसूस करते हैं और अपनी उलटी बेझिझक यहां उड़ेलते हैं. भड़ास के ये वे अड्डे हैं जहां वे अपनी असल पहचान जाहिर करते हैं.

झटपट शोहरत कितनी टिकाऊ
सोशल मीडिया की शोहरत टिकाऊ नहीं होती. सोशल मीडिया से अचानक हासिल की गई प्रसिद्धि कई बार बरकरार रखना मुश्किल होता है. यह जितनी तेजी से मिलती है, उतनी ही जल्दी खत्म भी हो जाती है.

युवाओं की जेबों पर डाका डालतीं फास्ट डिलीवरी ऐप्स
भारत में एक अलग ही ट्रैंड देखने को मिल रहा है मिनटों में डिलीवरी का, जो एक गेमचेंजर माना जा रहा है. युवा 10 मिनट की डिलीवरी के आदी हो रहे हैं. ये डिलीवरी ऐप्स उन की साइकोलौजी के साथ खेलती हैं, जिस से जरूरत न होने पर भी वे सामान खरीद रहे हैं. जानें क्या है उन की मार्केटिंग स्ट्रैटजी और कैसे लोग उन के जाल में फंसते जा रहे हैं.