आइएनडीआइए का 'मायाजाल' किधर जाएंगी मायावती?
DASTAKTIMES|October 2023
कांग्रेस किसी भी तरह से बसपा को गठबंधन में शामिल करना चाहती है, लेकिन समाजवादी पार्टी इसमें कोई रुचि नहीं ले रही है। बहरहाल, बसपा सुप्रीमो मायावती किसी भी पार्टी के साथ हाथ मिलाने को तैयार नहीं हैं जिसके चलते राजनीति के गलियारों में हड़कम्प मचा हुआ है। वैसे तो पिछले दो दशकों में बसपा लगातार कमजोर हुई है, लेकिन अभी भी उसके पास 14 फीसदी दलित वोट बैंक मौजूद है। इसी के चलते बसपा से सब हाथ मिलाना चाहते हैं, तो मायावती को भी अपनी इस ताकत पर गुमान है, जिसके चलते वह फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही हैं।
संजय सक्सेना
आइएनडीआइए का 'मायाजाल' किधर जाएंगी मायावती?

उत्तर प्रदेश में आइएनडी आइए गठबंधन की राह आसान नहीं लग रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस गठबंधन से दूरी बना रखी है तो समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश सिंह यादव गठबंधन के अन्य हिस्सेदारों कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के साथ जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि आइएनडीआइए जिसे भारतीय जनता पार्टी के लोग 'घमंडिया' गठबंधन कहते हैं, अपने नेताओं के घमंड के कारण बिखर भी सकता है क्योंकि एक तरफ राष्ट्रीय पार्टी होने के कारण कांग्रेस पूरे देश के साथ-साथ यूपी में भी गठबंधन को लीड करना चाहती है, वहीं सपा प्रमुख अहंकारभरे लहजे में कह रहे हैं कि सपा, गठबंधन में सीटें मांग नहीं रही है, बल्कि दे रही है।

हाल यह है कि गठबंधन के नाम पर समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक में अपनी दावेदारी पेश कर रही है तो दूसरी ओर यूपी में गठबंधन सहयोगियों के लिए सीट छोड़ने के मामले में ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ वाली कहावत चरितार्थ कर रही है। हालात यह हैं कि जिस तरह से आइएनडीआइए गठबंधन में शामिल राजनैतिक दल सीटों के लिए दावेदारी कर रहे हैं, उसका हिसाब लगाया जाता तो यूपी में 80 की जगह सौ-सवा सौ सीटें भी कर दी जाएं तो भी गठबंधन दलों में सीट बंटवारे की लड़ाई थमेगी नहीं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि गठबंधन का सारा ध्यान इस ओर लगा है कि कैसे अधिक से अधिक सीटों पर दावेदारी पेश की जा सके, जबकि होना यह चाहिए था कि सीटों के बंटवारे से अधिक गठबंधन को मजबूती प्रदान करने के बारे में सोचा जाए। कैसे बसपा को भी गठबंधन का हिस्सा बनाया जा सके, लेकिन इस मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच दूरियां काफी बढ़ी हुई हैं। कांग्रेस किसी भी तरह से बसपा को गठबंधन में शामिल करना चाहती है, लेकिन समाजवादी पार्टी इसमें कोई रुचि नहीं ले रही है।

Denne historien er fra October 2023-utgaven av DASTAKTIMES.

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मूल परंपरा से संवाद जरूरी
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संगति में काल में न कुछ प्राचीन है और न ही आधुनिक। हम मनुष्य ही काल प्राचीनता या नवीनता के विवेचन करते हैं। प्राचीनता ही अपने अद्यतन विस्तार में नवीनता और आधुनिकता है। हम आधुनिक मनुष्य अपने पूर्वजों का ही विस्तार हैं। वे भी अपनी विषम परिस्थितियों में अपने पूर्वजों से प्राप्त जीवन मूल्यों को झाड़पोछकर अपने समय की आधुनिकता गढ़ रहे थे। ऐसा कार्य सतत् प्रवाही रहता है।

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August 2024
भारत और रूस संबंधों को नई मजबूती
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August 2024
भाजपा का एसटी सीटों पर फोकस
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भाजपा ने आगामी चुनाव को लेकर भी अपना एजेंडा तय कर लिया है। पार्टी का मानना है कि भ्रष्टाचार और बांग्लादेशी घुसपैठ दो अहम मुद्दे हैं जिन पर इंडिया गठबंधन को घेरा जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि संथाल परगना सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां एक समुदाय के वोटरों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही बैठक में प्रदेश भाजपा के सिर्फ नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीघ्र झारखंड दौरे के संकेत दिए गए हैं वहीं, इसकी भनक राज्य सरकार को भी मिली है।

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August 2024
प्रशांत किशोर का पैंतरा
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पीके राजनीतिक सलाहकार के रूप में जाने जाते हैं, हालांकि राजनेता के रूप में जदयू में रहे, लेकिन बहुत दिनों तक नीतीश कुमार के साथ नहीं चल सके। नीतीश ने पीके को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। तब उनकी पार्टी में नंबर दो की हैसियत थी। बाद में जदयू से किनारे लगा दिए गए। अब वे पूरी तरह से एक राजनेता के रूप में लोगों के सामने आने को तैयार हैं।

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August 2024
खेलों के महाकुम्भ में भारत
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भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीते ये जो उसका ओलंपिक खेलों में अभी तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और भारतीय खिलाड़ी इसमें सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्र सरकार ने भी भारतीय खिलाड़ियों का खूब ध्यान रखा है। पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए उसने करीब पौने पांच अरब रुपये खिलाड़ियों पर खर्च किए हैं। जिस-जिस खिलाड़ी ने देश-विदेश जहां भी ट्रेनिंग की मांग की, उसे वहां भेजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पेरिस जाने से पहले खिलाड़ियों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया। किसी भी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

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August 2024
सपा की चुनौती सामने खड़ी बीजेपी या पर्दे के पीछे छिपी कांग्रेस
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2027 में सपा-कांग्रेस साथ-साथ रहेंगे यह तो अभी नही कहा जा सकता है, क्योंकि सपा यदि कांग्रेस के साथ चलती है तो इससे सिर्फ कांग्रेस को ही फायदा होता है। इस बात का अहसास अखिलेश यादव को भी होगा, भले ही वह इस संबंध में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोल रहे हैं। बात यहीं तक सीमित नहीं है। दरअसल, राहुल गांधी यूपी में अपने गठबंधन सहयोगी अखिलेश यादव के सामने बड़ी सियासी लाईन खड़ी करना चाहते हैं। यही बात सपा के थिंक टैंक को परेशान कर रही है, लेकिन इस समय अखिलेश का सारा ध्यान भाजपा की ओर लगा है।

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August 2024
जीईपी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
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उत्तराखंड सरकार ने सूबे में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लिया और अब सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) को लागू कर पर्यावरण स्वास्थ्य की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाया है।

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सीएम धामी के प्रदर्शन से केन्द्रीय नेतृत्व संतुष्ट
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लागू करने, सतत विकास सूचकांक में पहला स्थान प्राप्त करने, पर्यटन व तीर्थाटन को आर्थिक समृद्धि का आधार बनाने सहित सुशासन पर केन्द्रित मॉडल को प्रस्तुत किया। सीएम धामी ने बताया कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के साथ ही पर्यावरणीय चिंताओं को दर करने में भी क्रांतिकारी कदम उठा रही है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना भी प्राथमिकता में है।

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August 2024
आपदा प्रभावित क्षेत्र में डटे सीएम धामी
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पीएम मोदी का मिल रहा पूरा सहयोग

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August 2024
सीएम धामी के मुरीद हुए तीर्थपुरोहित
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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी तीर्थपुरोहितों के चहेते बन गए हैं। तीर्थपुरोहितों का मानना है कि सीएम के प्रयास से चारधाम यात्रा व्यवस्था इस बार अब तक ऐतिहासिक रही है। दूसरी ओर हाल ही में दिल्ली की एक संस्था द्वारा केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने की बात सामने आई तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न केवल इसे लेकर हस्तक्षेप किया बल्कि उन्होंने कैबिनेट में ही नियम लाकर कि देश में कहीं भी चारधाम से मिलते-जुलते ट्रस्ट या मंदिर नहीं बनाए जाएंगे। इस फैसले के बाद तीर्थ पुरोहित सीएम धामी के मुरीद हो गए हैं।

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August 2024